भोपाल। प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है. ऐसे में राजधानी में शवों को जलाने के लिए जगह कम पड़ने लगी है. इतना ही नहीं भदभदा विश्राम घाट में शवों के अंतिम संस्कार के लिए आरक्षित की गई जगह भर चुकी है.
दाह संस्कार के लिए जगहनहीं
राजधानी में लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. गुरुवार को करीब 32 कोरोना मृतकों के शव भदभदा विश्राम घाट लाए गए थे, जिससे दाह संस्कार के लिए घाट पर जगह कम पड़ गई. यहां पहले ही काफी शवों का अंतिम संस्कार हो चुका था और कई चिताओं की राख ठंडी भी नहीं हुई थी. प्रबंधन का कहना है कि शवों को जलाने के लिए जो डेडिकेटेड एरिया बनाया गया था वहां जगह नहीं बची है. इसलिए अब नई जगह की तलाश है. फिलहाल, विकल्प के तौर पर इलेक्ट्रिक शवदाह गृह बचा है जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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कचरे की तरह खुले में पड़े पीपीई किट
रोज कोरोना से दर्जनों मौतें हो रही हैं. ऐसे में उनके अंतिम संस्कार के लिए पीपीई किट की जरूरत होती है. इस हिसाब से रोज 100 से 200 के करीब किट का उपयोग किया जाता है. दाह संस्कार से बाद किट को खुले में फेंक दिया जा रहा है, क्योंकि नगर निगम की तरफ से इनके डिस्पोज करने की कोई व्यवस्था नहीं है.