भोपाल। मध्यप्रदेश में लगातार साइबर क्राइम के बढ़ते मामले इस बात की ओर एक इशारा करते है कि कहीं न कहीं हमारे सिस्टम में कमी है. यह कहना है कि साइबर सेल के डीजी राजेश गुप्ता का. इसी गड़बड़ी को दूर करने को लेकर साइबर पुलिस मुख्यालय ने बैंक प्रबंधकों के साथ बैठक कर हिदायत दी.
साइबर क्राइम के डीजी ने बैंक प्रबंधकों को हिदायत देते हुए जारी की एडवाइजरी
साइबर क्राइम के बढ़ते मामले इस बात की ओर एक इशारा करते है कि कहीं न कहीं हमारे सिस्टम में कमी है. यह कहना है कि साइबर सेल के डीजी राजेश गुप्ता का. उन्होंने बैंक प्रबंधकों के साथ बैठक कर हिदायत दी.
राजेश गुप्ता ने पत्रकारों के सवालों के जबाव देते हुए कहा कि जिन खातेदारों के खातों में ज्यादा पैसे है उन्हीं के खातों को निशाना बनाया जा रहा है. इसके लिए हमने बैकों के साथ एक मीटिंग की है. हमने बैकों के प्रंबधकों को हियादत दी है कि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को और ज्यादा चाक चौबंद करें. ताकि किसी भी प्रकार की जानकारी लिक नहीं हो पाए. आजतक डार्क नेट पर हमारी बहुत सी जानकारी उपलब्ध होती है. जिसमें खातेधारकों के बीमा की जानकारी हो जाती है. इसलिए कहीं न कहीं बैकों के सिस्टम में चूक हो रही है. जिससे जानकारी बाहर जा रही है इस प्रकार के लोगों के पास पहुंच रही है.
साइबर पुलिस के मुताबिक बैंकों के जरिए ही खातों और ग्राहकों की गोपनीय जानकारियां बाहर निकलती है. जिस का दुरुपयोग जाल साज बड़ी आसानी से करते हैं. हाल ही में साइबर पुलिस में दिल्ली से एक ऐसे ही नाइजीरियन दंपत्ति को गिरफ्तार किया है जो खातों की जानकारियां जुटाकर लोगों से लाखों की ठगी करने का काम करते थे. पुलिस ने इनके पास से कई डेबिट क्रेडिट कार्ड सिम लैपटॉप और विदेशी मुद्रा भी बरामद की है इसके अलावा साइबर पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें आम जनता से अपील की गई है कि वह फेसबुक पर किसी भी अनजान व्यक्ति से दोस्ती ना करें. अपने ईमेल डेबिट क्रेडिट कार्ड और अन्य जानकारियां किसी से भी शेयर ना करें. साइबर पुलिस को उम्मीद है कि एडवाइजरी जारी करने और बैंकों को हिदायत देने के बाद कहीं ना कहीं साइबर क्राइम के मामलों में कमी आएगी.