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3 श्रेणियों में बांटकर किया जा रहा कोरोना पॉजिटिव का इलाज, गंभीर मरीज भी हो रहे स्वस्थ

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Published : Jul 23, 2020, 9:43 AM IST

भोपाल में बढ़ते कोरोना मरीजों को देखते हुए उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया है. गंभीर से गंभीर मरीज भी स्वस्थ हो रहे हैं.

Corona patient in bhopal
भोपाल में कोरोना मरीज

भोपाल। कोरोना वायरस ने पूरे विश्व में तबाही मचा रखी है. भारत में भी कोरोना के मरीजों का आंकड़ा 11 लाख के पार हो गया है. वहीं भोपाल में भी कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले मरीज लगातार स्वस्थ भी हो रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज के लिए गाइडलाइन बनाई है. जिसके तहत भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा रहा है. संक्रमित होने वाले मरीजों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है और उसी के आधार पर उन्हें इलाज दिया जा रहा है. इस श्रेणी में गंभीर, मध्यम और बिना लक्षण वाले मरीज शामिल हैं.

भोपाल में कोरोना मरीज

तीन श्रेणी में बांटे कोरोना के मरीज-

भोपाल में यदि बात की जाए तो अब तक 4,363 संक्रमित मरीजों में से 3,013 मरीज पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज भी कर दिए गए हैं. इनमें कई ऐसे मरीज भी थे, जिनकी हालत बहुत ज्यादा गंभीर थी, लेकिन अब वो पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं. डॉक्टर लोकेंद्र दवे ने बताया कि, भोपाल के कोविड-19 अस्पताल हमीदिया में मरीजों का इलाज श्रेणियों में बांटकर किया जा रहा है. ऐसे मरीज जिनके फेफड़ों में सूजन आ जाती है और जिसके कारण अन्य अंगों में भी बीमारी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं, उन्हें गंभीर से मध्यम श्रेणी में रखा गया है. ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत है, वो मध्यम श्रेणी में आते हैं और ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन के साथ-साथ अन्य सपोर्ट की भी जरूरत है, उन्हें आईसीयू में रखा जाता है. ये गंभीर अवस्था वाले मरीज हैं. मरीजों का इलाज स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के आधार पर किया जा रहा है.

ऐसा है मरीजों का केयर मैनेजमेंट-

गंभीर अवस्था वाले मरीजों को सीनियर निमोनिया के लिए जिस सपोर्ट, दवाइयों, एंटीबायोटिक, खून को पतला करने वाली दवाइयों की जरूरत होती है, उन्हें वो दी जा रही हैं. इसके अलावा ऐसे मरीजों का क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट भी किया जा रहा है. साथ ही ये भी ध्यान रखा जा रहा है कि, गुर्दे या अन्य अंगों को सपोर्ट के लिए जो दवाइयां दी जानी चाहिए, वो भी समय-समय पर दी जाएं. मध्यम श्रेणी के मरीजों को इन्हीं दवाइयों में से उनकी गंभीरता को ध्यान में रखकर डोज दिए जाते हैं. मरीज को अच्छा खान-पान, विटामिन, कैल्शियम, मिनरल, फ्रूट बैलेंस दिया जाए, इसके लिए एक्सपर्ट डॉक्टर निगरानी करते हैं. बिना लक्षण वाले मरीजों को कड़ी निगरानी में रखा जाता है, उन्हें एचसीक्यू, विटामिन, विटामिन सी और अच्छा खानपान दिया जा रहा है. निगरानी के दौरान ये ध्यान रखा जा रहा है कि, किसी भी मरीज में कोरोना वायरस के कोई लक्षण तो नहीं दिखाई दे रहा हैं. यदि किसी भी मरीज में लक्षण आते हैं, तो फिर उस आधार पर उसका इलाज किया जाता है.

हमीदिया अस्पताल से अब तक करीब 450 मरीज कोरोना वायरस से ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. इनमें से 100 मरीज ऐसे थे, जो गंभीर अवस्था वाले थे. वहीं राजधानी भोपाल के एम्स और चिरायु अस्पताल में भी मरीजों को अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर उनका इलाज किया जा रहा है.

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