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राजधानी के वृद्धा आश्रमों तक नहीं पहुंच सका संक्रमण, कोरोना की गाइडलाइन आई काम

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Published : Dec 24, 2020, 12:41 PM IST

एक तरफ जहां कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है, कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा बुजुर्ग और बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, वहीं भोपाल के वृद्ध आश्रम कोरोना की चपेट में नहीं आए हैं. इन आश्रमों में कोरोना गाइडलाइन का इतनी सख्ती से पालन किया जा रहा है कि यहां कोरोना से कोई भी बुजुर्ग संक्रमित नहीं है, जो अपने आप एक बड़ी बात है.

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वृद्ध आश्रम

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, प्रदेश में कोरोना के मामले अब 2 लाख के पार निकल चुके हैं. सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं के बाद भी कोरोना संक्रमण आज दिनांक तक कम नहीं हुआ है, भोपाल के कोने कोने में कोरोना के मरीज सामने आ चुके हैं, लेकिन राजधानी के वृद्ध आश्रम और बाल गृहों में अब तक एक भी कोरोना मरीज सामने नहीं आया है. यह उदाहरण है, प्रदेश भर के लिए यहां कोरोना गाइडलाइन का कुछ ऐसे पालन किया गया कि कोरोना आश्रम के अंदर प्रवेश नहीं ले पाया

वृद्ध आश्रम में नहीं पहुंचा कोरोना

इन बुजुर्गों ने कोरोना को हराया

राजधानी भोपाल में 3 वृद्ध आश्रम हैं, यहां हर बुजुर्ग 55 के पार उम्र का है, डॉक्टर्स के मुताबिक कोरोना बुजुर्गों को जल्दी पकड़ता है, क्योंकि इनका इम्युनिटी सिस्टम उतना बेहतर नहीं होता, जितना कि 25 से 40 वर्षीय व्यक्ति का होता है. लेकिन भोपाल के 200 बुजुर्ग जो वृद्ध आश्रम में रहते हैं, इन तक कोरोना नहीं पहुंच पाया क्योंकि आश्रम में कोरोना गाइडलाइन का इस तरह पालन किया गया कि यहां रहने वाले बुजुर्गों को सर्दी ज़ुखाम तक कि शिकायत नहीं आई.

कोरोना में हुए कई बदलाव

आसरा में बुजुर्गों की देख रेख करने वाली रेखा चौबे ने बताया कि जबसे कोरोना शहर में आया है, तबसे शुरुवाती दौर से आश्रम में सख्ती से कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 9 माह से आश्रम में किसी नए बुजुर्ग को एंट्री नहीं मिली, जो लोग आश्रम में रहते हैं. उनके लिए आश्रम में कई नियम लागू किये गए हैं. उन्होंने बताया पहले आश्रम में खाना खाने के बाद या शाम को टहलने के लिए बुजुर्ग बाहर जाते थे, लेकिन 9 माह से हमने यह नियम लागू किये हैं, कि आश्रम के बाहर किसी को जाने की अनुमति नहीं है, बल्कि बाहरी लोगों को भी आश्रम में एंट्री नहीं है.

आश्रम में ही बनता है खाना, बाहर का खाना बंद

इसी तरह आनंद धाम और अपना घर में भी बुजुर्गों के बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. साथ ही बाहरी व्यक्ति को आश्रम में एंट्री नहीं है. अपना घर की संचालक प्रेमा मिश्रा ने बताया कि कोरोना बुजुर्गों के लिए सबसे खतरनाक है और आश्रम में रहने वाले सभी वृद्धजन हमारी जिम्मेदारी हैं. ऐसे में हम हर उस बात का खयाल रख रहे हैं, जिससे बुजुर्गों की सुरक्षा जुड़ी है. उन्होंने कहा कि पहले आश्रम में कई लोग आते थे, किसी का जन्मदिन मनाने या फिर अन्य आयोजन करने के लिए लोग आश्रम आया करते थे. साथ ही खाना भी बाहर से लेकर आते थे. लेकिन जबसे कोरोना आया है तब से हम सभी का खाना आश्रम में ही बनाते हैं. किसी को बाहर से खाना लाने की इजाजत नहीं है. अगर कोई खाना लाना चाहता है तो हम उसे आटा, तेल ,चावल या दाल मंगा लेते हैं और खाना आश्रम में ही बनाते है जिससे किसी भी तरह से कोरोना संक्रमण वृद्धों तक न पहुंचे.

रोजाना पिलाते हैं काढ़ा

आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को आसरा में प्रतिदिन काढ़ा पिलाया जाता है. ठंड से बचाव के लिए 2 कंबल और मोटी रजाई बुजुर्गों को दी गई है. जिससे ठंड से बच सके और सर्दी ज़ुखाम न पकड़े. इसके साथ ही जहां एक हॉल में 20 लोग रहते थे. अब वहां 15 लोग रह रहे हैं, जिससे दूर दूर सबके बेड रहे और बीमारी एक दूसरे को न छुए वहीं अगर किसी एक बुजुर्ग को भी सर्दी ज़ुखाम या तबीयत की शिकायत है तो उसके लिए अलग रूम में व्यवस्था की गई है. वहीं अपना घर में रोज़ाना सुबह बुजुर्गों को गरम पानी दिया जाता है. साथ ही हर एक के बेड का चादर हर दो दिन पर धुले जाते हैं. आश्रम को हर तीन दिन में सेनिटाइज़ किया जाता है. इसी तरह आनंद धाम वृद्ध आश्रम जहां 26 बुजुर्ग रहते हैं, यहां पहले एक हॉल में 10 बेड थे जबकि अब एक हॉल में केवल 2 बेड लगाए गए हैं. ऑफिशियल रूम में भी एक सिंगल बेड लगाया है, जिससे सोशल डिस्टेन्स का पालन हो सके.

हर माह किया जा रहा चेकअप

आश्रम संचालकों का कहना है कि बुजुर्गों का प्रतिमाह चेकअप किया जा रहा है. अगर किसी को थोड़ी भी सर्दी जुखाम की दिक्कत है तो उसके लिए डॉक्टर को आश्रम बुलाया जाता है. अब तक जितने भी चेकअप हुए हैं, उन सभी में सब की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. उन्होंने बताया आश्रम में दो सबसे अधिक उम्र के बुजुर्ग हैं, जिनकी उम्र 99 और 97 है. इसमें एक महिला है और एक पुरुष हैं. वहीं अन्य बुजुर्ग भी 50 से ज्यादा उम्र के हैं. उन्होंने बताया हम बुजुर्गों की देखरेख के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन बखूबी कर रहे हैं. साथ ही आश्रम के अंदर किसी को प्रवेश नहीं देते.

जो लोग बाहर से बुजुर्गों को तोहफे देने के लिए आते हैं, उनसे भी सामान आश्रम के गेट पर रखवा लिया जाता है. इस तरह से लॉकडाउन के चलते आश्रम में कई बदलाव किए गए हैं और इसका पालन प्रतिदिन किया जाता है, यही वजह है कि आश्रम में आज दिनांक तक एक भी कोरोना का मरीज सामने नहीं आया है. जबकि अगर हम राजधानी की बात करें तो पिछले एक माह में 1700 से ज्यादा बुजुर्गों के संक्रमित होने की बात सामने आ चुकी है. लेकिन आश्रम में रहने वाले सभी बुजुर्ग स्वस्थ हैं. हर रहवासियों के लिए बड़ा उदाहरण है अगर कोरोना के सभी मापदंडों का पालन किया जाए तो कोरोना आपको छू भी नही पाएगा.

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