भोपाल। झाबुआ उपचुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में बयानबाजी शुरू हो गई है. 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने झाबुआ सीट पर जीत हासिल की थी. बीजेपी का कहना है कि दोबारा यहां की जनता बीजेपी को ही जिताएगी, जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस नेता अजय सिंह का कहना है कि टिकट के फैसले के बाद जिस तरह से बीजेपी में बगावत देखने को मिल रही है. बीजेपी को पहले उस पर ध्यान देना चाहिए. गलती से एक बार झाबुआ सीट जीत लेने का मतलब ये नहीं होता है कि दोबारा चुनाव जीत जाएंगे.
बार-बार नहीं होती गलती, झाबुआ सीट जीतने का ख्वाब छोड़ बागियों को मनाये बीजेपी: अजय सिंह
बीजेपी झाबुआ उपचुनाव जीतने का दावा कर रही है. जिस पर कांग्रेस नेता अजय सिंह ने कहा कि गलती से एक बार झाबुआ सीट जीत लेने का मतलब ये नहीं होता कि दोबारा चुनाव जीत जाएंगे.
बता दें कि विधानसभा चुनाव में ये सीट बीजेपी ने जीती थी, लेकिन इस सीट पर बीजेपी की जीत का कारण कांग्रेस की बगावत थी. कांग्रेस ने यहां से कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रम भूरिया को टिकट दिया था. इस बात से नाराज होकर कांग्रेस के पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में खड़े हो गए थे. जेवियर मेड़ा को करीब 35 हजार वोट मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम भूरिया महज 10 हजार वोटों से बीजेपी प्रत्याशी जीएस डामोर से हारना पड़ा गया था.
बाद में लोकसभा चुनाव में जीएस डामोर को ही रतलाम-झाबुआ सीट से बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया और उन्होंने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को भी हरा दिया. झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस ने दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी ने भी भूरिया जाति के युवा नेता भानु भूरिया को मैदान में उतारा है. भानु भूरिया को टिकट दिए जाने पर बीजेपी में नाराजगी देखने मिल रही है. कई नेताओं ने इस्तीफा सौंप दिया है और कई इस्तीफे की धमकी दे रहे हैं.