भोपाल। बासमती चावल के जीआई टैग को लेकर पंजाब सरकार द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है. सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि पाकिस्तान के साथ एपीडा के मामले में मध्यप्रदेश के दावों से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि यह भारत के जीआई एक्ट के तहत आता है और इसका बासमती चावल की अंतर्देशीय दावों से कोई जुड़ाव नहीं है. यह पंजाब या मध्य प्रदेश का मामला नहीं बल्कि पूरे देश के किसानों और उनकी आजीविका का मामला है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछा है कि आखिर अमरिंदर सिंह की मध्य प्रदेश के किसानों से क्या दुश्मनी है. मैं पंजाब की सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग के मामले में प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की निंदा करता हूं और उसे राजनीति से प्रेरित मानता हूं. मध्यप्रदेश को मिलने वाले जीआई टैगिंग से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
सीएम का कहना है कि मध्य प्रदेश के 13 जिलों में साल 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है. इसका लिखित इतिहास भी है जो सिंधिया स्टेट के रिकॉर्ड में अंकित है. साल 1944 में प्रदेश के किसानों को बीज की आपूर्ति की गई थी.