भोपाल। पिछली सरकार के दौरान ठंडे बस्ते में पड़ा चंबल एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट अब चंबल प्रोग्रेस-वे के नाम से बनेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्रालय में अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान इसका निर्णय लिया है और इस संबंध में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से फोन पर बात भी की और कहा कि जल्द इस महापथ का भूमि पूजन किया जाएगा.
शिवराज सिंह चौहान ने की नितिन गडकरी से चर्चा 2018 में किया गया था सर्वे
माना जा रहा है कि लॉकडाउन के बाद चंबल प्रोग्रेस वे के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू किया जाएगा. चंबल एक्सप्रेस वे के लिए साल 2018 में सर्वे कार्य शुरू कराया गया था. सर्वे कार्य पूरा हो जाने के बाद मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन इसे केंद्र सरकार की भूतल और परिवहन मंत्रालय की भारत माला परियोजना में शामिल कराने की कोशिश की थी, जिससे बजट को लेकर समस्या न आए, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई थी.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से हुई चर्चा
उस वक्त प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, जिसके बाद इस प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था. हालांकि, अब प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इस प्रोजेक्ट को गति मिलने की उम्मीद जागी है. मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में इस संबंध में बैठक कर चंबल एक्सप्रेस वे को नए प्रारूप में चंबल प्रोग्रेस-वे के नाम से बनाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में अधिकारियों के साथ बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री से फोन पर चर्चा की. मंत्री ने प्रोजेक्ट के लिए अपनी सहमति दे दी है, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि जल्द ही चंबल प्रोग्रेस-वे का भूमि पूजन कर काम शुरू किया जाएगा.
मुरैना-श्योपुर में 2500 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित होगी
बताया जा रहा है कि मुरैना और श्योपुर जिले में इस प्रोजेक्ट के लिए 2500 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाएगी. माना जा रहा है कि ये प्रक्रिया लॉकडाउन खत्म होने के बाद शुरू होगी. निजी भूमि के बदले सरकारी जमीन आवंटित करने की नीति तैयार की गई है. इसके पीछे वजह अधिग्रहण के लिए पर्याप्त बजट न होना बताया जा रहा है.
भिंड तक बढ़ सकता है प्रोजेक्ट
चंबल एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट को शिवपुर से भिंड जिले तक के लिए प्रस्तावित किया गया था, बाद में इसे मुरैना तक सीमित कर दिया गया. प्रोजेक्ट को भिंड तक लाने के लिए पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह के नेतृत्व में जन संघर्ष मंच के बैनर तले बड़ा आंदोलन किया गया था. प्रोजेक्ट को भिंड तक लाने के लिए अटेर विधायक अरविंद सिंह भदौरिया ने भी मांग की थी. जिसके बाद प्रोजेक्ट के भिंड तक बढ़ने की उम्मीद है. प्रस्तावित प्रोजेक्ट मुरैना जिले के गरोढ़ा गांव से शुरू होकर जौरा, कैलारस, सबलगढ़, गोरा, शिवपुर होते हुए राजस्थान के सवाई माधोपुर तक पहुंचेगा, ये प्रोजेक्ट चंबल नदी के समानांतर तैयार किया जाना है.