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बीजेपी के गुरु नानक मंडल ने भोपाल में किया आपातकाल का विरोध, हवा में उड़ाए काले गुब्बारे

आपातकाल के दौरान जेल में बंद रहे बिहारीलाल ने कहा कि उस वक्त वे शासकीय सेवा में थे, लेकिन वह आपातकाल के विरोध में आंदोलन में कूद गए. उन्हें भोपाल में हथकड़ी पहनाकर घुमाया गया और आपातकाल खत्म होने के 3 माह बाद ही उनको छोड़ा गया था.

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Published : Jun 25, 2021, 7:23 PM IST

protest against emergency
आपातकाल का विरोध

भोपाल।1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश में लगाए गए आपातकाल का 25 जून यानि आज राजधानी में विरोध किया गया है. इस दिन का विरोध भोपाल के बीजेपी गुरु नानक मंडल ने काला दिवस मनाकर किया है. गुरु नानक मंडल ने इस दिन को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताते हुए काले कपड़े के मास्क और काले गुब्बारे हवा में उड़ाए. इसके अलावा गुरु नानक मंडल ने मीसाबंदियों का भी सम्मान किया.

आपातकाल का विरोध
  • आज हुई थी लोकतंत्र की हत्या: बीजेपी

आपातकाल के विरोध में गुरु नानक मंडल ने कहा कि आज ही के दिन इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल लगाया था. इस अवसर पर हमने काली टी शर्ट, काला मास्क पहनकर काले गुब्बारे छोड़े हैं. बीजेपी मंडल के इस विरोध के बीच मीसाबंदी बिहारीलाल लोकवानी ने भी आपातकाल के दौरान की उठाई गईं अपनी तकलीफों को साझा किया.

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  • एमपी में मीसाबंदियों को पेंशन

मध्य प्रदेश में फिर से अब आपातकाल के दौरान बंदी बनाए गए लोगों (मीसाबंदियों) को पेंशन मिलने लगी है. सरकार ने 2 हजार से ज्यादा मीसाबंदियों की पेंशन शुरू कर दी है. प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आने के दौरान इनकी पेंशन रोक दी गई थी और इसका कारण वेरिफिकेशन को बताया गया था. मीसाबंदियों की पेंशन रोकने पर कमलनाथ सरकार का जमकर विरोध हुआ था. मीसाबंदियों की इस लिस्ट में बीजेपी के बड़े नाम सरताज सिंह, सीएम शिवराज सिंह चौहान, थावरचंद गहलोत, तपन भौमिक, अजय विश्नोई भी शामिल हैं.

  • मीसाबंदी बिहारीलाल ने किया आपातकाल का जिक्र

आपातकाल के दौरान जेल में रहे बिहारीलाल ने कहा कि उस वक्त वे शासकीय सेवा में थे, लेकिन वह आपातकाल के विरोध में आंदोलन में कूद गए. भोपाल के पास बैरसिया के गोंदिया गांव से उन्हें गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा कि बैरसिया और भोपाल में उनको हथकड़ी पहनाकर घुमाया गया और आपातकाल खत्म होने के 3 माह बाद ही उनको छोड़ा गया था. उन्होंने आगे कहा कि वह इससे खुश थे क्योंकि देश मे परिवर्तन हो चुका था.

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