भोपाल। विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी अब आक्रमक नजर आ रही है. कोरोना संकट को हाशिए पर रख बीजेपी ने उपचुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं. इसी कड़ी में इंदौर के सांवेर विधानसभा के कई कांग्रेसी नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ली है. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस गुपचुप तरीके से उपचुनाव की तैयारियां कर रही है. बीजेपी के इस ऐलान के बाद की उपचुनाव में सिंधिया समर्थक सभी 22 पूर्व विधायकों को टिकट दिए जाएंगे. कांग्रेस ने रणनीति के तहत बीजेपी के उन प्रत्याशियों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है, जो 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों से मामूली अंतर से हार गए थे. बहरहाल कांग्रेस की रणनीति कारगर साबित होती है कि नहीं, लेकिन दोनों दलों की सरगर्मियों से साफ हो गया है कि, जल्द ही मध्य प्रदेश में उप चुनाव का माहौल चरम पर होगा.
दरअसल, जबसे बीजेपी ने साफ तौर पर ऐलान किया है और उपचुनाव वाली सभी विधानसभा सीटों के बीजेपी नेता और पूर्व प्रत्याशियों को ताकीद कर दिया है, कि उपचुनाव में उन 22 लोगों को टिकिट जरूर दिया जाएगा. जिन्होंने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सरकार बनवाई है. कई बीजेपी नेता अलग-अलग समय पर कांग्रेस नेताओं को टिकट दिए जाने पर अपनी नाराजगी जता चुके हैं. हालांकि पार्टी के ऐलान के बाद भले ही चुप्पी साध ली हो, लेकिन इनकी नाराजगी को भांपते हुए कांग्रेस इन नेताओं से संपर्क करने कि कोशिश कर रही है. कांग्रेस अपनी रणनीति के तहत इन्हें भले ही पार्टी में शामिल ना कराएं, लेकिन चुनाव में अंदरूनी तौर पर कांग्रेस की मदद के लिए संपर्क कर रही है. राजनीतिक सूत्रों की मानें, तो बीजेपी के कई नाराज नेताओं से खुद कमलनाथ की बात हो चुकी है. गुपचुप तरीके से इस रणनीति को अंजाम देने के लिए कांग्रेस के कई दिग्गज नेता सक्रिय हैं.
कांग्रेस का आरोप