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Published : Mar 3, 2023, 1:08 PM IST

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Bhopal : वकीलों की हड़ताल देखकर मां ने कोर्ट में बेटे के लिए की पैरवी, जमानत दिलाई

रेप व धर्मांतरण के आरोपी बेटे की जमानत के लिए वकील नहीं मिला तो मां ने खुद जज के सामने पैरवी की. मां ने जेल में बंद अपने बेटे को छुड़ाने के लिए पैरवी की और ऐसे तर्क दिए कि न्यायाधीश को जमानत देनी पड़ी. मां को अपने बेटे की पैरवी करने की यह नौबत इसलिए आई क्योंकि भोपाल में उस दिन वकीलों की हड़ताल थी.

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वकीलों की हड़ताल देखकर मां ने कोर्ट में बेटे के लिए की पैरवी जमानत दिलाई

भोपाल।तारीख 28 फरवरी, समय दोपहर एक बजे, कोर्ट स्मृता सिंह ठाकुर, दशम अपर सत्र न्यायाधीश. अभियुक्त सफदर खान. अनावेदक सुरेश मालवीय अपर लोक अभियोजक. यह डिटेल्स है उस केस की, जिसमें एक मां ने अपने बेटे के लिए पैरवी की. अभियुक्त सफदर खान गंभीर धाराओं में आरेापी है और जेल में बंद था. वह गांधी नगर के अब्बास नगर इलाके का रहने वाला है. उसके खिलाफ गांधी नगर थाने में रेप और धर्मांतरण के मामले दर्ज हैं. लेकिन एक मां की निगाह में बेटा हमेशा बेगुनाह होता है. इसीलिए सफदर की मां शादमा कई दिनों से बेटे की जमानत के लिए चक्कर लगा रही थी.

अंतिम पेशी पर वकीलों की हड़ताल :कई सुनवाई के बाद जब अंतिम पेशी का समय आया तो वकीलों की हड़ताल शुरू हो गई. अभियुक्ति की मां शादमा बिंत नईम ने जब देखा कि कोई भी वकील केस लड़ने के लिए तैयार नहीं है तो उन्होंने न्यायाधीश से खुद ही पैरवी करने की अनुमति मांगी. इसे स्वीकार कर लिया गया. उन्होंने जानकारों की मदद से लिखित तर्क तैयार किए और कोर्ट के सामने रखे. कोर्ट ने सभी तर्क सुनने और पढ़ने के बाद कहा कि युवती पूरी तरह वयस्क है. युवती ने एफआईआर में घटना दिसंबर 2021 में बताई और मामला नवंबर 2022 में यानी करीब एक साल बाद दर्ज करवाया. मेडिकल रिपोर्ट में रेप का स्पष्ट अभिमत नहीं आया. कोर्ट ने यह भी लिखा कि आरोपी के खिलाफ पूर्व में कोई मामला नहीं है. इसके बाद सफदर को जमानत दे दी गई. गुरुवार को वह रिहा हो गया. इस मामले में सफदर की मां शादमा बिंत का कहना है कि मेरे बेटे को फंसाया गया है.

वकीलों की हड़ताल देखकर मां ने कोर्ट में बेटे के लिए की पैरवी जमानत दिलाई
वकीलों की हड़ताल देखकर मां ने कोर्ट में बेटे के लिए की पैरवी जमानत दिलाई
वकीलों की हड़ताल देखकर मां ने कोर्ट में बेटे के लिए की पैरवी जमानत दिलाई

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यह है मामला :आरोपी सफदर को भले ही मां की वजह से जमानत मिल गई, लेकिन वह बेहद गंभीर मामले में आरोपी बनाया गया है. उसके खिलाफ थाना गांधी नगर में अपराध क्रमांक 279/22 के तहत भादवि की धारा 376, 376(2)(एन), धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम की धारा के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था. नवंबर 2022 में सफदर के खिलाफ एक युवती ने आवेदन दिया था कि उसके साथ बार-बार शादी के नाम पर रेप किया गया. अगस्त 2021 से उसे झांसा देता आ रहा है. यहां तक उसका गर्भ ठहर गया तो अबार्शन करवा दिया. भोपाल से दिल्ली तो वहां से फिर भोपाल लाता और ले जाता रहा. इस्लाम धर्म अपनाने के लिए भी दबाव बनाया. 3 नवंबर 2022 को व्हाट्सएप से कॉल करके धमकी दी कि यदि किसी को बताया तो बर्बाद कर दूंगा. इसकी वजह से युवती ने आत्महत्या का प्रयास किया. आरोप है कि सफदर ने युवती का इंस्टाग्राम अकाउंट भी हैक कर लिया था. थक हारकर उसने गांधी नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई.

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