भोपाल।तारीख 28 फरवरी, समय दोपहर एक बजे, कोर्ट स्मृता सिंह ठाकुर, दशम अपर सत्र न्यायाधीश. अभियुक्त सफदर खान. अनावेदक सुरेश मालवीय अपर लोक अभियोजक. यह डिटेल्स है उस केस की, जिसमें एक मां ने अपने बेटे के लिए पैरवी की. अभियुक्त सफदर खान गंभीर धाराओं में आरेापी है और जेल में बंद था. वह गांधी नगर के अब्बास नगर इलाके का रहने वाला है. उसके खिलाफ गांधी नगर थाने में रेप और धर्मांतरण के मामले दर्ज हैं. लेकिन एक मां की निगाह में बेटा हमेशा बेगुनाह होता है. इसीलिए सफदर की मां शादमा कई दिनों से बेटे की जमानत के लिए चक्कर लगा रही थी.
अंतिम पेशी पर वकीलों की हड़ताल :कई सुनवाई के बाद जब अंतिम पेशी का समय आया तो वकीलों की हड़ताल शुरू हो गई. अभियुक्ति की मां शादमा बिंत नईम ने जब देखा कि कोई भी वकील केस लड़ने के लिए तैयार नहीं है तो उन्होंने न्यायाधीश से खुद ही पैरवी करने की अनुमति मांगी. इसे स्वीकार कर लिया गया. उन्होंने जानकारों की मदद से लिखित तर्क तैयार किए और कोर्ट के सामने रखे. कोर्ट ने सभी तर्क सुनने और पढ़ने के बाद कहा कि युवती पूरी तरह वयस्क है. युवती ने एफआईआर में घटना दिसंबर 2021 में बताई और मामला नवंबर 2022 में यानी करीब एक साल बाद दर्ज करवाया. मेडिकल रिपोर्ट में रेप का स्पष्ट अभिमत नहीं आया. कोर्ट ने यह भी लिखा कि आरोपी के खिलाफ पूर्व में कोई मामला नहीं है. इसके बाद सफदर को जमानत दे दी गई. गुरुवार को वह रिहा हो गया. इस मामले में सफदर की मां शादमा बिंत का कहना है कि मेरे बेटे को फंसाया गया है.