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मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की तैयारी में 80 हजार आशा कार्यकर्ता, सरकार को 2 दिन का अल्टीमेटम

मध्यप्रदेश में जूडा और नर्सों के बाद अब आशा कार्यकर्ता हड़ताल की राह पर हैं. प्रदेश की 80 हजार आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन बढ़ाने समेत तमाम मांगों को लेकर सरकार को चेतावनी देते हुए दो दिन का अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे हड़ताल पर जाने को मजबूर हो जाएंगी.

हड़ताल पर जाने की तैयारी में 80 हजार आशा कार्यकर्ता
हड़ताल पर जाने की तैयारी में 80 हजार आशा कार्यकर्ता

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Published : Jun 18, 2021, 10:09 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में जूनियर डॉक्टर, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के बाद अब आशा कार्यकर्ता भी हड़ताल पर जाने का मन बना रही हैं. प्रदेश की 80 हजार से अधिक आशा कार्यकर्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि उनकी मांगों का निराकरण नहीं हुआ तो वे हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर हो जाएंगी.ऐसे में साफ है कि हड़ताल से ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित होंगी. बता दें कि आशा कार्यकर्ता वेतन बढ़ाने समेत विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने के मूड में हैं.

बहुत कम मिलता है मानदेय

मध्यप्रदेश की 80 हजार से अधिक आशा, ऊषा कार्यकर्ता अभी काम कर रही हैं. इनका कहना है कि जो मानदेय मिलता है वह अन्य राज्यों के मुकाबले बेहद ही कम है. अभी इन्हें ₹2000 महीना मिलता है, जो करीब ₹60 प्रतिदिन के हिसाब से वेतन बनता है. ऐसे में उनका कहना है कि एक ओर जहां कोरोना काल चल रहा है.जिसके कारण सेनिटाइजर और मास्क आदि की खरीदी में ही यह पैसा चला जाता है.जिससे वे परिवार के लिए पैसा नहीं बचा पाती हैं. उन्होंने सरकार को साफ तौर पर अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगों का निराकरण नहीं किया गया, तो सभी आशा कार्यकर्ता 2 दिन के बाद राजधानी भोपाल में आकर अपना आंदोलन शुरू करेंगी और सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन करेंगी.

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सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन करती हैं आशा कार्यकर्ता
मध्य प्रदेश में अभी 80 हजार के करीब आशा, ऊषा कार्यकर्ता हैं, जो सरकार की स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को ग्रामीण अंचलों तक पहुंचाने में सहयोग करती हैं. वे तमाम टीकाकरण से लेकर अन्य कार्यों में भी जुटी रहती हैं और ग्रामीण स्तर पर सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन करती हैं.अगर इन्हे सरकार ने नाराज किया तो ग्रामीण इलाकों में टीकाकरण और दूसरी जरुरी चीजें प्रभावित होंगी. जिससे लोगों को परेशानी का सामना आने वाले दिनों में करना पड़ सकता है. उम्मीद है सरकार इनकी मांगों पर ध्यान देगी और बातचीत से हल निकालेगी.

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