भोपाल। विदिशा के गंजबासौदा हादसे में मृतक परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपए की राशि मुआवजे के तौर पर दी जाएगी. प्रदेश सरकार पहले ही जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख मुआवजे का ऐलान कर चुकी है. शुक्रवार को ही मंत्री विश्वास सारंग ने 3 मृतकों के परिवार वालों के घर जाकर सांत्वना दी और मुआवजे का चेक सौंपा था.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा है कि वो विदिशा में हुए दर्दनाक हादसे से आहत हैं और शोक संतृप्त परिवार के प्रति उनकी संवेदनाएं हैं. मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे.
गुरुवार शाम हुए इस दर्दनाक हादसे के बाद करीब 30 घण्टे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला. शुक्रवार को सबसे पहले गिरे बच्चे रवि समेत 11 अन्य लोगों के शव बरामद कर लिए गए. जबकि 19 लोगों को गुरुवार को ही निकाल लिया गया था. प्रशासन की तरफ से सभी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने के ऐलान किया गया था. इसमें से कुछ मृतकों के परिजनों को चेक सौंपा भी जा चुका है. इसके अलावा घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है.
मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद का भरोसा
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले में मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया था. सीएम के निर्देश पर ही 3 मृतकों के परिजनों को तत्काल सहायता राशि के चेक सौंपे गए. इस दौरान विदिशा जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग और प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत मौजूद रहे. मृतकों के परिजनों से मिलने पहुंचे प्रदेश सरकार के मंत्रियों ने उन्हें हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया.
कमलनाथ ने की 15 लाख की डिमांड
इस बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने मृतक के परिजनों को 15-15 लाख रुपए की सहायता राशि और सरकारी नौकरी देने की मांग रखी है. साथ ही घायलों 2 लाख रुपए बतौर मुआवजा देने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट कर इसे घोर लापरवाही करार दिया. उन्होंने शासन-प्रशासन की लेटलीफी को कटघरे में खड़ा किया है.
रवि को बचाने में निकली 11 की जान
धीमी गति से हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन
कुएं की चौड़ाई काफी कम होने से और कुएं में पानी का स्तर ज्यादा होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी देरी हुई. कुएं का पानी निकालने में रेस्क्यू टीम को काफी मशक्कत करना पड़ी. इस दौरान बार-बार जमीन धंसने की दिक्कतें भी रेस्क्यू टीम के सामने आई. इस मामले में कुल 11 लोगों की मौत हुई है. जिसमें सबसे पहले कुएं में गिरने वाला बच्चा भी शामिल है.
कैसे हुआ था हादसा ?
गुरुवार की शाम को रवि नाम का बच्चा घर के पास कुएं में पानी भरने गया था. रवि के पिता ने बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब थी इसलिए वह पानी लेने कुएं पर गया था. पिता कुएं पर पहुंचे तो रवि ने उन्हें बाल्टी देकर घर भेज दिया. रवि के पिता घर पहुंचे ही थे कि लोगों ने चिल्लाना शुरू कर दिया कि रवि कुएं में गिर गया है. रवि के पिता समेत कई लोगों मौके पर पहुंचे थे.काफी देर मशक्कत करने के बाद रवि को बाहर नहीं निकाला जा सका. इस दौरान मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए थे. स्थानीय प्रशासन की टीम मौके पर नहीं पहुंची थी इसलिए लोग ही रवि को कुएं से बाहर निकालने के लिए मशक्कत कर रहे थे. इसी दौरान बड़ी संख्या में लोग कुएं के ऊपर बनी गाडर पट्टी की छत पर चढ़ गए. कुएं की छत इतने लोगों का वजन नहीं उठा पाई और कुआं धंस गया.