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मृतक की पहचान बदलकर मिटा दिया सबूत, जाने कैसे 8 माह बाद पुलिस ने सुलझाई गुत्थी

भिंड जिले में करीब 8 महीने बाद पुलिस ने हत्या की गुत्थी सुलझाई है. पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

Barohi Police Station Area
बरोही थाना क्षेत्र

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Published : Feb 21, 2021, 7:11 AM IST

Updated : Feb 21, 2021, 12:57 PM IST

भिंड। जिले के बरोही थाना क्षेत्र में मां के अवैध संबंधों के चलते बेटों ने उसके प्रेमी की बेरहमी से पिटाई कर दी. फिर अधमरी हालत में उसे ग्वालियर ले जाकर अपने जीजा के साथ मिलकर पिता के नाम से भर्ती कराया, जहां पीड़ित की इलाज के दौरान ही मौत हो गई, जिसके बाद ग्वालियर में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. कूटरचित दस्तावेज तैयार कर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा दिया गया, लेकिन आखिरकार बरोही पुलिस ने इस वारदात का खुलासा करते हुए करीब 8 महीने बाद 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही कुल 11 लोगों को मामले में आरोपी बनाया गया.

अवैध संबंधों के चलते की थी मारपीट
पुलिस के मुताबिक, बरोही थाना क्षेत्र के मदनपुरा गांव का रहने वाला 50 वर्षीय श्यामलाल जाटव का गांव की एक महिला से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. जब इस बात का पता महिला के दोनों बेटों को लगा, तो उन्होंने 29 मई 2020 को अपने जीजा गजेंद्र के साथ मिलकर श्यामलाल की बेरहमी से पीटाई कर दी. इस मारपीट के दौरान श्यामलाल छत से गिर गया.

पहचान बदल कर कराया भर्ती, मौत हुई तो मिटा दिया सबूत
मारपीट के बीच हुए हादसे से बड़बड़ाए तीनों आरोपियों ने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद उसे अस्पताल ले गए, जहां हालत बिगड़ने पर उसे ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल रेफर किया गया. ग्वालियर में आरोपियों ने अपने मृत पिता नाथूराम जाटव के नाम से घायल श्यामलाल को भर्ती कराया, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. पीड़ित की मौत के बाद मामला हत्या का बना. ऐसे में आरोपियों ने अपना जुर्म छुपाने के लिए ग्वालियर में ही श्यामलाल का चोरी-छिपे अंतिम संस्कार कर दिया. साथ ही सबूत मिटाने के उद्देश्य से मृतक के घर से सामान तक गायब कर दिया.

पुलिस ने सुलझाई हत्या की गुत्थी
सचिव की मिलीभगत से बनवाया फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्रयह पूरा घटनाक्रम करीब 8 महीने पहले हुआ था. ऐसे में जून 2020 में ग्वालियर से नाथूराम के मार्ग की डायरी बरोही थाना पुलिस को भेजी गई थी. उस दौरान जांच में आरोपियों ने हादसा बताते हुए अपनी मां समेत गांव के कुछ अन्य लोगों से झूठे बयान दर्ज करवाए थे. साथ ही एक फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र ग्राम सचिव की मिलीभगत से बनवा दिया. शक हुआ तो एसपी ने डीएसपी को सौंपी जांचइस केस की फाइल जब एसपी की नजर में आई, तो शक के आधार पर एक बार फिर मामले की जांच शुरू हुई. यह केस डीएसपी मोतीलाल कुशवाह को सौंपी गई, जिन्होंने गांव में पड़ताल शुरू की, तो नाथूराम की मौत सालों पहले होने की बात पता चली. साथ ही श्यामलाल के 8 महीने से गायब होने की भी बात सामने आई.

तत्कालीन थाना प्रभारी भी संदेह के घेरे में

इस केस में बरोही के तत्कालीन थाना प्रभारी की भूमिका पर भी संदेह है. ऐसे में एसपी ने भी जांच की बात कही है. इस मामले में पुलिस ने कुल 11 आरोपी बनाए है, जिनमें 3 मुख्य आरोपियों के साथ ही 7 झूठी गवाही देने वाले और एक फर्जी दस्तावेज बनाने वाला सचिव भी शामिल है.

Last Updated : Feb 21, 2021, 12:57 PM IST

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