Mangal Gochar 2023:जब भी ग्रहों का राशि प्रवर्तन होता है तब कई बार प्रकृति के इस विशेष चरण में महत्वपूर्ण योगों का निर्माण होता है. कभी अच्छे तो कभी नकारात्मक योग जो जातकों के जीवन में उनका समय तय करते हैं कि आने वाला समय अच्छा होगा या परेशानियों से गुजरेगा. इस बार जब मंगल ग्रह ने कन्या राशि में गोचर किया है तो इसके परिणाम स्वरूप एक नहीं बल्कि दो राजयोग बने हैं. पहला शत्रुहंता और दूसरा विपरीत राजयोग और ये आने वाले 18 सितंबर तक बने रहेंगे.
क्या है शत्रुहंता राजयोग:इस राजयोग के नाम से ही इसका अर्थ स्पष्ट हो जाता है कि इस नाम में पहला शब्द है शत्रु यानि विरोधी या दुश्मन और दूसरा शब्द है हंता यानि नाशक या हरने वाला. जिसका मतलब है दुश्मन का नाश करने वाला. ज्योतिष विज्ञान के अनुसार जब कुंडली के छठे भाव में शनि या मंगल की दृष्टि या मौजूदगी होती है तब इस विशेष योग का निर्माण होता है. क्यूँकि कुंडली में छठा भाव शत्रु का माना जाता है. यह शत्रु किसी व्यक्ति को नहीं बल्कि भार को माना गया अर्थात आपके जीवन में ऋण, कर्ज से जुड़ी समस्याएँ. ऐसे में जब कुंडली में शत्रुहंता योग बनता है तो यह शत्रु का विनाश करता है.
दूसरा विशेष योग है विपरीत राजयोग:वैदिक ज्योतिष के मुताबिक जब आठवें या द्वादश भाव के स्वामी ग्रह कुंडली के छठवें भाव में प्रवेश कर जाते हैं तब विपरीत योग का निर्माण होता है जो यह सुनिश्चित करता है कि जातक को जीवन में लाभ प्राप्त होने से पहले दुख और परेशानियों से गुजरना पड़ें. हालाँकि इसके विपरीत जब छठवें-आठवें और 12वें भाव के स्वामी कुंडली के एक भाव में एक समय पर मौजूद हो तो इस विपरीत राजयोग के परिणाम सकारात्मक रूप से बहुत फायदेमंद होते हैं.