भिंड। एक दशक से ज्यादा बीत जाने के बाद भी भिंड में नई जेल का निर्माण कार्य अधूरा है. 2006 में शुरू हुए जेल निर्माण कार्य में कभी सरकारी प्रक्रिया, तो कभी ठेकेदार की लापरवाही सामने आती रही है. 13 साल बीत जाने के बाद भी यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि जेल का निर्माण कब तक पूरा हो पाएगा.
वहीं जेल का निर्माण कर रहे ठेकेदार ने बताया कि फरवरी से 65 लाख रुपये का भुगतान नहीं हुआ है. जिससे हमें कई प्रकारी की परेशानियों का सामना करना पड़ रह है. ठेकेदार ने बताया कि स्थिति यह हो गई है कि मजदूरों को देने के लिए पैसें नहीं है.
भिंड जिले के जेल अधीक्षक ओबी पांडे बताते हैं कि वर्तमान जिला जेल में 280 से ज्यादा कैदी रह रहे हैं जबकि जेल की क्षमता महज 172 कैदी की है. वहीं जेल भवन भी करीब 100 साल पुराना हो चुका है और जर्जर है. उन्होंने बताया कि इस जेल में कुछ समय पहले 350 से ज्यादा कैदी हो गए थे ऐसे में अधीक कैदियों को देखते हुए करीब 100 कैदियों को अन्य जेलों में ट्रांसफर किया गया था.
पीआईओ विभाग के ईई पंकज परिहार का कहना है कि पहले जेल का काम पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा कराया जा रहा था इस दौरान 2017 में यह काम पीआईयू विभाग के पास आया लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से उन्हें कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई. साथ ही लगातार निर्माण राशि के आवंटन में मध्यप्रदेश शासन से देरी हुई जिसके चलते भुगतान नहीं हो सका और काम अभी तक अधूरा है.