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महंगाई ने बिगाड़ा रसोई का बजट: आम जनता परेशान, आसमान छू रहे तेल-मसाले और खाने-पीने की चीजों के दाम

पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने से सिर्फ लोगों के आवागमन पर ही असर नहीं हो रहा, बल्कि अब उनकी रोजमर्रा की जिंदगी भी प्रभावित होने लगी है. बढ़ती महंगाई के कारण अब आटा-दाल के भाव भी आसमान छूने लगे हैं, जिसके चलते अब लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. (inflation effect in bhind) (mp kitchen budget deteriorated)

mp kitchen budget deteriorated
महंगाई बिगाड़ रही रसोई का बजट

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Published : Apr 25, 2022, 9:20 PM IST

भिंड। जिस महंगाई को मुद्दा बनाकर कभी विपक्ष में रही भाजपा जनता से वोट मांगती थी, आज उसी भाजपा सरकार में महंगाई बे-लगाम हो चुकी है. देश में पहली बार पेट्रोल-डीजल के दाम बेतहाशा बढ़ते जा रहे हैं, जिसका असर अब न सिर्फ लोगों की जेब पर बल्कि रसोई पर भी पड़ने लगा है. रोजमर्रा की जरूरत का सामान भी अब 30 से 40 फीसदी तक बढ़ चुका हैं, जिससे आम जनता परेशान है.

बिगड़ रहा रसोई का बजट

मध्यमवर्गीय परिवारों पर टूटा महंगाई का पहाड़:मध्यप्रदेश में बढ़ती महंगाई से हर वर्ग परेशान चुका है, हालात ये हैं कि अब लोगों को घर का राशन खरीदना तक महंगा पड़ रहा है. जहां सरकार गरीबी रेखा से नीच आने वाले बीपीएल कार्डधारकों को सरकारी दरों पर राशन उपलब्ध करा रही है और अमीरों को महंगाई से फर्क नहीं पड़ता, वहीं ऐसे में सबसे ज्यादा महंगाई का पहाड़ मध्यमवर्गीय परिवारों पर टूटा है. आज पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने से रोजमर्रा में उपयोग होने वाली किचिन की सामग्री भी 30 से 40 फीसदी महंगी हो चुकी है.

किन चीजों के बढ़े दाम:आम तौर पर घर की रसोई में मिलने वाले समान में सबसे ज्यादा जरूरी और उपयोगी सामग्री तेल मसाले होते हैं. भिंड के बाजार में जिन खाने की चीजों की कीमत में बढ़ोत्तरी हुई है वे हैं-

क्र.समानपहले की कीमतवर्तमान कीमत
1. अमूल घी 470रुपये/ किलो 500रुपये/ किलो
2. रिफाइंड ऑइल 2500 रुपये/ केन 2700 रुपये/ केन
3. महाकोश ऑइल 1725 रुपये/केन 2600 रुपये/ केन
4. लाल मिर्च 180-200 रुपये/ किलो 225-240रुपये/ किलो
5. पिसा धनिया 140रुपये/ किलो 160रुपये/ किलो
6. शक्कर 36रुपये/ किलो 39-40रुपये/ किलो

पैकेज्ड आइटम के वजन में की कटौती:आजकल पैकेज्ड आइटम की भी बाजार में भरमार है, लोगों में डिमांड भी काफी है. बिस्किट नमकीन से लेकर मसाले तक बाजार में नामी कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं, इन पैकेज्ड आइटम में भी महंगाई दिख रही है. कई नमकीन की नामी कंपनियों ने भी पैकेट के दाम बढ़ा दिए, कई नामी कंपनियों ने अपने दाम नहीं बढ़ाए लेकिन समान की क्वांटिटी या वजन में कमी कर दी है.

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महंगाई से त्रस्त है प्रदेश की जनता:बाजार में किराना खरीदने पहुंचे ग्राहकों का भी कहना है कि महंगाई ने उनकी जेब निचोड़ कर रख ली है. पहले जहां 1 हजार से डेढ़ हजार रुपये में महीने का राशन खरीद लेते थे, वहीं अब तीन से साढ़े तीन हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं. ग्राहकों का कहना है कि कमाई के हिसाब से महंगाई बहुत हो चुकी है, जो समान कभी किलो भर खरीदते थे वह अब जरूरत जितना ही खरीद रहे हैं. लोगों का कहना है कि जीवन यापन के लिए कुछ चीजों की आवश्यकता अनिवार्य है जिनकी आपूर्ति तो करनी ही पड़ती है, ऐसे में अब सरकार को सोचना चाहिए किस तरह जल्द से जल्द इस परेशानी और महंगाई से निजात दिलाएं.

दुकानदारी पर भी पड़ रहा असर:अब ग्राहकों के साथ ही दुकानदारों और व्यापारियों को भी महंगाई के चलते खासा नुकसान हो रहा है. एक तो पहले ही डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टेशन महंगा हो चुका है, वहीं रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने से ग्राहकों की मांग में भी कमी आ रही है. किराना व्यवसायी शाहिद कहते हैं कि समान महंगा होने से उनके ग्राहक कम समान खरीद रहे हैं.

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