Gupt Navratri 2023:हिंदू धर्म में पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की शुरुआत के साथ ही गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो जाती है. इस वर्ष 22 जनवरी से गुप्त नवरात्रि का शुभारम्भ हो चुका है, जो 30 जनवरी तक रहेगी. गुप्त नवरात्रि में पूजा पाठ और व्रत का बहुत महत्व होता है. खास कर ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रह दशाओं के अनुसार राशियों के जातक अगर व्रत करें तो उसका लाभ कई गुना बढ़ जाता है.
वैसे तो हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आती है. जिनमें माघ की नवरात्रि को गुप्त नवरात्र कहा जाता है. माना जाता है कि इस नवरात्रि में हम माता के दस स्वरूपों से हमारी फसलों के लिए प्रार्थना करते हैं. उनसे मांग रखते हैं कि जिस प्रकार उन्होंने खरीफ की पिछली फसल दी थी, उसी तरह अब हमारी रबी की फसल भी अच्छी दें. वहीं यह भी माना जाता है कि माघ से मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है, ऐसे में किसी भी प्रकार की बीमारियों से बचाव और अच्छी सेहत के लिए भी गुप्त नवरात्र के व्रत रखे जाते हैं.
दस महाविद्याओं की करनी चाहिए पूजा: माघ के महीने में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि में मां काली, मां भुवनेश्वरी, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां त्रिपुर भैरवी, मां छिन्नमस्ता, मां घूमावती, माता बगलामुखी, मां मातंगी और माता कमला देवी की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां भगवती ने इन्ही दस महाविद्याओं के साथ शुंभ-निशुंभ और चंड-मुंड-असुरों का संहार किया था. उस दौरान दसों महाविद्याओं ने परस्पर युद्ध किया था. माना जाता है कि त्रेता युग में जाग्रत से अधिक गुप्त नवरात्रि धूम धाम से मनाई जाती थी. आज भी मां भगवती के भक्त और संत संन्यासी गुप्त नवरात्रि का विशेष ध्यान रखते हैं और मनाते हैं.