भिंड। ग्वालियर-चंबल संभाग में बाढ़ से तबाही मचाने वाली चम्बल और सिंध नदी का जलस्तर चार दिन बाद कम होने लगा था, जिससे लोग राहत महसूस कर ही रहे थे, तभी अचानक से नदी का जलस्तर फिल बढ़ने लगा है, जहां चंबल नदी खतरे के निशान से 5 मीटर ऊपर बह रही है, वर्तमान में बरही स्थित चंबल घाट पर जलस्तर करीब 127 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 122 मीटर है. वही सिंध नदी भी 13 मीटर जलस्तर पर बह रही है, जोकि खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर बह रही है, जिसके चलते नदियों के किनारे बसे दर्जनों गांव पानी-पानी हो गए हैं. दोबारा बाढ़ का खतरा मंडराने पर कलेक्टर ने रविवार रात हाई अलर्ट जारी कर दिया है.
सहायक नदियों से भी बाढ़ का खतरा
भिंड जिले में सिर्फ यही दो नदियां ही नहीं, बल्कि क्वारी और वेसली नदी के हालत भी बाढ़ जैसे बन रहे हैं, जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र से गुजरी क्वारी नदी का जलस्तर भी बढ़ चुका है, जिसके किनारे बसे बगुलरी, जवासा, कचौंगरा समेत आधा दर्जन गांव खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भिजवा दिया गया है, वहीं वाली नदी भी धीरे धीरे चढ़ रही है, भारौली स्थित बबेडि पर बना वेसली नदी के पुल पर पानी चढ़ चुका है, ऐसे में भिंड से भारौली के बीच आवागमन बाधित हो गया है.
मध्य प्रदेश में बाढ़ से हुई तबाही को संवारना बड़ी चुनौती
अब तक 67 गांव प्रभावित
एक ओर जहां लोग इस बात को लेकर चिंतित थे कि इस बाढ़ में उनका सब कुछ बह गया है, पर चार दिन बाद पानी का जलस्तर कम होने से राहत महसूस करने लगे थे, वहीं अचानक नदी में पानी चढ़ने से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है, ग्रामीण इस बात से डर रहे हैं कि अब तक सिंध नदी के घाट से करीब 5 किलोमीटर दूर तक का क्षेत्र प्रभावित था, अगर स्थितियां बिगड़ी तो और भी गांव इससे प्रभावित हो सकते हैं, भिंड जिले में सिंध और चम्बल नदी में आई बाढ़ से 67 गांव प्रभावित हैं, जिसके आगे और बढ़ने की संभावना है.