भिंड।देश का पेट भरने वाला अन्नदाता आज खुद दाने-दाने को मोहताज है. कभी प्रकृति की मार, तो कभी पूंजीपति का कर्ज चुकाने की मार, कभी सरकार की आर्थिक नीतियों की मार... और रही सही दंबगों ने पूरी कर दी. अन्नदाता जो महीने भर खून-पसीना बहाकर फसल तैयार करता है. परिवार का पेट पालने की कोशिश करता है. लेकिन दंबगों के कहर ने उसे भूखा मरने की कगार पर ला दिया है.
भूखों मरने की कगार पर किसान का परिवार पीड़ित परिवार भूखा मरने की कगार पर
पीड़ित परिवार ने बताया 3 महीने पहले आरोपी दबंगों ने उनके गांव में एक अन्य खेत पर कब्जा करते हुए फसल बोवनी की कोशिश की थी. जिस पर उन्हें रोका तो दूसरे खेत में खड़ी तीन बीघा जमीन पर बाजरा की पूरी फसल रातों रात काट ली. नतीजा पीड़ित परिवार के आगे अब भूखा मरने की नौबत आ गई है.
पुलिस ने नहीं लिखी रिपोर्ट
दबंगों से पीड़ित परिवार ने पुलिस थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने दबंगों का सहयोग करते हुए कोई रिपोर्ट नहीं लिखी. साथ ही उनके कहने पर गाली गलौज करते हुए दुत्कार कर थाने से भगा दिया. जिसके बाद कई बार एसपी से लेकर कलेक्टर तक को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है, लेकिन अब तक न तो कोई कार्रवाई हुई. वहीं जब इस मामले पर पुलिस से बात की गई तो अधिकारी मामले पर लीपापोती करते नजर आए.
वहीं जब इस मामले में पुलिस की लापरवाही और किसान की समस्या को लेकर विधायक संजीव सिंह कुशवाह से भी बात की तो उन्होंने कहा कि जल्द ही पीड़ित किसान को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. ऐसे में अब सवाल उठता है कि समाज के असहाय और मजबूर लोगों की मदद के लिए बनाया गया पुलिस विभाग ही दबंगों का साथ देने लगे तो न्याय की उम्मीद कैसे लगाई जाए.