बैतूल। कुछ दिनों पहले केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बैतूल के दौरे पर आए थे. उन्होंने आदिवासी तहसील घोड़ाडोंगरी के बाचा गांव का भी दौरा किया था, जो देश का पहला पहला धुंआ रहित गांव है. वे शासन की योजनाओं से हुई गांव की समृद्धि से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने गुरुवार को राज्यसभा में दो मिनट तक बांचा गांव की उपलब्धियों का बखान किया.
उप सभापति को संबोधित कर किया बखान
राज्यसभा के उपसभापति को संबोधित करते हुए मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपने बैतूल दौरे के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि बैतूल जिले के प्रवास के दौरान उन्हें घोड़ाडोंगरी विकासखंड के बांचा गांव जाने का सौभाग्य मिला. यहां ग्रामवासी अनिल उईके ने उन्हें आदर के साथ चाय पिलाई. पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि बांचा गांव के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिले हैं, बिजली पहुंची हैं, LPG (Liquified Petroleum Gas) कनेक्शन है, सोलर लाईन पहुंची हैं, स्वच्छ भारत अभियान के तहत टॉयलेट बनाए गए हैं, पशुओं के लिए अलग से पशु घर है, अन्नपूर्णा मंडल के अंतर्गत किचन गार्डन बनाए गए हैं. 74 घरों के आदिवासी ग्राम में पानी संरक्षण के लिए वाटर शेड सिस्टम है, पर्याप्त हैंडपंप हैं. स्वरोजगार के लिए ग्रामीण पशुपालन, कृषि और बागवानी पर आश्रित हैं.
जलपुरुष ने कहा पूरे बैतूल का सम्मान है
उन्होंने कहा कि कांक्रीट रोड, नालियां स्वच्छ भारत और स्वच्छ गांव की अवधारणा बांचा ग्राम में सार्थक होती नजर आती हैं. ये मेरे भारत के गांव है. किसी को क्यों पीड़ा होनी चाहिए, अगर भारत अपने पैर पर खड़ा होगा. जिले के बांचा गांव की दो मिनट तक सर्वोच्च सदन में तारीफ को लेकर जलपुरुष और पर्यावरण विद मोहन नागर ने कहा कि यह अकेले बांचा का नहीं पूरे बैतूल का सम्मान है.