बैतूल। आद्यौगिक विकास के लिए जिला प्रशासन कवायद तेज कर चुका है, जहां उद्योग संघ के साथ-साथ कलेक्टर राकेश सिंह ने मैराथन बैठक कर कई विषयों पर चर्चा की. इस दौरान कलेक्टर ने समिति सदस्यों के साथ कुछ क्षेत्रों का मौका निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
जिले के औद्योगिक विकास के लिए डूडा बोरगांव में 100 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की जाएगी, जिससे जल्द ही औद्योगिक विकास गति पकड़ेगा. इसके अलावा कुछ क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से भी विकसित किया जाएगा.
9 अक्टूबर यानी गुरुवार को कलेक्टर राकेश सिंह द्वारा उद्योग संघ समिति की बैठक ली गई, जिसमें जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक शिवनारायण मनोटे सहित कई उद्योगपति शामिल हुए. बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चाएं की गईं. बैठक के बाद कलेक्टर ने औद्योगिक क्षेत्र के लिहाज से विकसित की जाने वाली 100 हेक्टेयर भूमि का निरीक्षण भी किया गया.
उद्योग संघ की बैठक में कलेक्टर को उद्योगपतियों ने उद्योगों से जुड़ी संभावनाओं, समस्याओं और विकासकार्यों पर सुझाव दिए. उद्योगपतियों के कुछ सुझावों पर कलेक्टर ने तत्काल अमल करते हुए मौका निरीक्षण भी किया. बैठक के दौरान उद्योगों के लैंड बैंक के लिए जमीन की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई.
इस दौरान कलेक्टर ने औद्योगिक क्षेत्र में स्थित कोसमी जलाशय का निरीक्षण किया गया. कोसमी क्षेत्र में चल रहे सड़क नाली निर्माण कार्यों पर संतुष्टी जताते हुए ठेकेदार अभय चौलिया को शीघ्र कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए. बैठक के दौरान उद्योग संघ ने कलेक्टर को एक सुझाव दिया, जिसमें रेलवे के गेट नंबर-255 से सटी भूमि को रैक पाईंट, रोल ऑन, रोल ऑफ व्हील के लिए विकसित किया जा सकता है. कलेक्टर ने सुझाव पर संतुष्टि जताते हुए उक्त भूमि का भी निरीक्षण किया और जल्द से जल्द इस विषय पर दोबारा चर्चा करने का आश्वासन दिया.
एचएमटी बनेगा फ्लैटेड औद्योगिक क्षेत्र
एक ओर जहां पर्यटन की दृष्टि से कोसमी को विकसित किए जाने की संभावनाएं जताई जा रही है, तो वहीं कोसमी क्षेत्र में ही स्थित बंद पड़ी एचएमटी की भूमि को फ्लैटेड और कमर्शियल हब बनाने के लिए नक्शा मैट्रोपोलियन सिटी के चार्टड इंजीनियर से सहयोग मांगा है. उद्योग संघ ने कलेक्टर को बताया कि यदि उक्त भूमि को इस तरह विकसित किया जाता है, तो अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध होगा.
अनुदान का भी है प्रावधान
बैठक के दौरान उद्योग महाप्रबंधक शिव नारायण मनोटे ने बताया कि, केन्द्र सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों के लिए कोविड-19 के दौरान खाद्य प्रसंस्करण एवं लॉजिस्टिक हब के लिए 30 प्रतिशत अनुदान प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है. दो करोड़ रुपये की पूंजी निवेश करने वाले उद्योगपतियों को तीन प्रतिशत ब्यॉज अनुदान और 100 प्रतिशत सीजीटीएमएस में कवर करने का प्रावधान है.
खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों के तहत 40 प्रतिशत पुरुषों और 48 प्रतिशत महिला वर्ग को राज्य सरकार फिर से लाभ प्रदान कर सकती है. प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिबंधित ईकाईयों को छोड़कर शेष सभी निर्माणक ईकाईयों के लिए पुरुष 40 प्रतिशत, सामान्य महिला वर्ग 48 प्रतिशत, एसटी/एससी महिलाओं को 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है, जिनकी समीक्षा कलेक्टर ने की.