बड़वानी। आजादी के 75 साल पूरे होने पर जहां देश-प्रदेश में धूमधाम से आजादी का अमृत महोत्सव मनाया गया. वहीं आजादी के 75 साल बाद भी प्रदेश के कई गांवों मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. जिस तरह शिवराज सरकार सभी ग्रामीणों को सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के दावे और वादे करते नजर आते हैं, लेकिन गांवों में जमीनी हकीकत एकदम इसके उलट नजर आती है. ऐसे ही कुछ तस्वीरें बड़वानी जिले में देखने मिली है (lack of basic facilities in barwani), इससे भी ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल, लोकसभा सांसद गजेन्द्र सिंह पटेल और राज्यसभा सांसद सुमेरसिंह सोलंकी का गृह क्षेत्र भी यही है, लेकिन यहां के नौनिहाल स्कूलों व छात्रावासों में आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.
मंत्री,लोकसभा और राज्यसभा सांसद के गृहक्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं की दरकार: अनुसूचित जाति जनजाति के लिए आरक्षित बड़वानी जिला जहां पर तीन तीन आदिवासी जनप्रतिनिधियों के होने के बावजूद जिले के छात्र मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज हैं. जबकि क्षेत्र के विकास के लिए बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. पाटी विकासखंड के ग्राम बोकराटा में कन्या व बालक आश्रम में शौचालय ही नहीं है, जबकि बालक आश्रम में 50 छात्र व कन्या आश्रम में 30 छात्राएं खुले में शौच को जाने को मजबूर हैं (no toilet in ashram in barwani).
80 सीटर छात्रों के आश्रम में नहीं है सुविधाएं:हर घर शौचालय घर- घर शौचालय और स्वच्छ भारत का नारा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे योजनाओं में शामिल कर आमजन को हर तरह से सुविधा दी है. पीएम आवास योजना के तहत जहां मकान के साथ-साथ पंचायतों में शौचालय बनवाए जा रहे हैं. साथ ही स्कूलों, छात्रावासों व भवनों में भी इसका खास ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन पाटी विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बोकराटा में संचालित हो रहे ठक्कर बापा आदिवासी कन्या व बालक आश्रम में छात्र सहित छात्राएं खुले में शौच को जाने को मजबूर हैं.