बड़वानी। जिले के कई गांव में हजारों एकड़ की प्याज की फसल पक कर तैयार है लेकिन लॉकडाउन के कारण कई किसानों की सब्जियां और फल खेतों में ही सड़ रही हैं. इन सभी संकट से उबर नहीं पाए थे कि प्याज कि फसल ने किसान के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी हैं. किसानों को दोहरी मार पड़ रही है पहले तो मौसम ने साथ नहीं दिया जैसे-तैसे प्याज की फसल तैयार भी हुई तो लॉकडाउन ने कमर तोड़ दी.
चार माह प्याज की फसल को पानी दवाई, खाद एवं अन्य खर्च करने के बाद फसल पक कर तैयार हुई तो पूरे देश की मंडियां लॉकडाउन के चलते बंद हो गईं, ऐसे हालातों में अपने खेतों में किसानों को बिना व्यवस्था के कहीं पेड़ों के नीचे तो कहीं खेतों में ही अपनी प्याज की फसल को रखना पड़ रहा है और 15 दिन बीतने के बाद प्याज खराब होने लगी है. बड़वानी से लगे गांवों में प्याज की फसल निकली जा रही है लेकिन मेहताना नहीं.
कॄषक ओमप्रकाश ने बताया कि 6 एकड़ में प्याज की फसल बोई थी, लेकिन वर्तमान में लाभ तो दूर मजदूरी भी नहीं निकल पा रही है. ऐसी हालातों में सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू करना चाहिए और किसानों को बोनस व फसल बीमा की राशि जल्द उपलब्ध करना चाहिए, जिससे किसान आगामी फसल के लिए बीज खरीद सके.