बालाघाट। आदिवासी बैगा मूलभूत सुविधाओं से दूर आज भी बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है. परसवाड़ा क्षेत्र के वनग्राम कुकड़ा में पिछले 15 दिनों से बिजली नहीं है, लिहाजा यहां के लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.
बिजली नहीं होने से अंधेरे में रहने को आदिवासी मजबूर
आदिवासी बैगा आज भी बदहाली का जीवन जीने को मजबूर है. गांव में मूलभूत सुविधाओं की बात तो दूर, महज बिजली की रोशनी ही मिल जाये यही उनके लिये काफी है.
बिजली विभाग को मामले की कई बार सूचना दी गई , लेकिन अधिकारी-कर्मचारियों ने लोगों की समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. बरसात के दिनों में अंधेरा होने की वजह से लोगों को जहरीले जीव-जंतु से भी जान का खतरा बना रहता है.
प्रशासनिक उदासिनता के चलते वनग्रामो में बिजली व्यवस्था चरमरा गई है, जिसका खामियाजा भोलेभाले आदिवासियों को भुगतना पड़ रहा है. बैगा आदिवासियों को शासन-प्रशासन द्वारा मूलभूत सुविधाओं से लाभान्वित करने का दम्भ भरा जाता है, लेकिन यहां पर जमीनी हकीकत सिर्फ ढाक के तीन पात ही है. बैगा आदिवासियों ने बिजली की सप्लाई कर अंधेरे से निजात दिलाने की गुहार लगाई है