Chandrayaan3 : ISRO के मिशन में बालाघाट के दो और खरगोन का एक वैज्ञानिक शामिल, परिजनों के घर बधाई देने वाले उमड़े - परिजनों के घर बधाई देने वाले उमड़े
चंद्रयान-3 मिशन में बालाघाट के भी दो वैज्ञानिकों ने भाग लिया. चंद्रमा पर भारत की दस्तक के साथ ही बालाघाट में खुशी की लहर फैल गई. शहरवासियों ने वैज्ञानिकों के परिजनों का फूलमालाओं से स्वागत किया. पूरे शहर में मिठाई वितरित की गई. इसके साथ ही खरगोन जिले का भी एक वैज्ञानिक इस टीम का हिस्सा बना. खरगोन में भी चंद्रयान की सफल लैंडिंग पर जमकर जश्न मनाया गया.
चंद्रयान की सफल लैंडिंग खरगोन जिले के नीरज सत्य अहम भूमिका
ISRO के मिशन में बालाघाट के दो और खरगोन का एक वैज्ञानिक शामिल
बालघाट/खरगोन।चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के साथ भारत ने अंतरिक्ष में अपना परचम लहरा दिया है. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसरो ने अपना दमखम भी दिखाया है. इसरो की टीम में बालाघाट की भी अहम भूमिका रही. बालाघाट के दो वैज्ञानिकों का योगदान रहा है. गौरतलब रहे कि विश्व पटल पर भारत के लिए चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिण धुव्र पर मिशन की लैडिंग का ऐतिहासिक पल 23 अगस्त की शाम को होते ही पूरे देश में जश्न का माहौल बना रहा.
चंद्रयान मिशन में बालाघाट के भी दो वैज्ञानिक, परिजनों का सम्मान
वैज्ञानिक के परिजनों का सम्मान :इस मिशन में बालाघाट जैसे छोटे जिले के दो वैज्ञानिकों में आकाश धामने और बिरसा के महेन्द्र ठाकरे का योगदान होना समूचे बालाघाट के लिए गर्व की बात है. बता दें कि आकाश धामने वर्तमान में इसरो में वैज्ञानिक के रूप में त्रिवेंद्रम में कार्यरत हैं. धामने की शिक्षा शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में पूर्ण हुई एवं वेल्लोर यूनिवर्सिटी चेन्नई से पास होकर उन्होंने इसरो में वैज्ञानिक की भूमिका के रूप में कार्य किया है.
सांसद ने दी बधाई :चंद्रयान की सफल लैंडिंग के तुरंत बाद बालाघाट सिवनी के सांसद ढालसिंह बिसेन आकाश धामने के निवास स्थान पर पहुंचे. सांसद बिसेन ने आकाश के पिता सेवकराम धामने, भाई रवि और शनि धामने सहित पूरे परिवार को देश के गौरव मिशन में योगदान देने के लिए बधाई दी. साथ ही आकाश के पिता सेवकराम को शॉल श्रीफल से सम्मानित किया और मिठाई खिलाई.
खरगोन में भी जश्न का माहौल :चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग में इसरो में निमाड़ क्षेत्र के खरगोन जिले के नीरज सत्य अहम भूमिका निभाई है. सत्य के परिजनों में खुशी का माहौल रहा. खरगोन जिले के गोगांव के रहने वाले नीरज सत्य बचपन से ही विज्ञान में विशेष रुचि रही है. जिसके चलते सनावद स्थित नवोदय विद्यालय में अपने हायर सेकेंडरी की पढ़ाई पूर्ण कर इंजीनियरिंग करने के बाद भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो से जुड़ गए. चंद्रयान-3 सफल लैंडिंग के बाद परिजनों ने बताया कि नीरज बचपन से ही विज्ञान मे रुचि रखता था. गोगांव जैसे छोटे गांव मे शासकीय स्कूल से पढ़ाई के बाद जवाहर नवोदय विद्यालय मे पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की. सत्या की ललिता ने बेटे की कामयाबी पर खुशी जताई है.