बालाघाट में कहां गई करोड़ों की धान, जमीन खा गया या आसमान,जांच में जुटी पुलिस के भी उड़े होश
Paddy manipulation in Balaghat: समर्थन मूल्य पर सरकार गेहूं, धान और दूसरी कई फसलों की खरीदी जरूर करती है लेकिन रखरखाव के अभाव में हर साल करोड़ों की चपत लग जाती है.बालाघाट में सामने आए एक ऐसे ही मामले में 13 करोड़ रुपये से ज्यादा की धान गायब हो गई. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
बालाघाट। जिले में समर्थन मूल्य पर खरीद कर रखी गई धान में 13 करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी का मामला सामने आया है. यह धान गायब हो गई या खराब हो गई यह भले ही जांच का विषय हो लेकिन सरकार को तो चपत लग गई. भले ही पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया हो लेकिन जांच कैसे होगी यह किसी से छिपा नहीं है.
किसे दिया था रखरखाव का जिम्मा:अहमदाबाद की ग्रो-ग्रीन वेयर हाउस लिमिटेट कंपनी को रख रखाव और सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन इस मामले में लापरवाही करते हुए कंपनी के अधिकारियों पर अब करोड़ों की धान गायब होने का आरोप लगा है.
कहां गई करोड़ों की धान ?
पुलिस ने दर्ज की FIR: अहमदाबाद की ग्रो-ग्रीन वेयर हाउस लिमिटेट कंपनी के डायरेक्टर, स्टेट हेड और एडवाइजर के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. इन सभी पर धान के रखरखाव के दौरान धांधली करने का आरोप है.
किसने दर्ज कराया मामला: 13 करोड़ से ज्यादा धान के गायब हो जाने की जानकारी के बाद विभागीय तौर से मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन लिमिटेड (नान) के प्रबंधक रमेश पटले ने कंपनी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया है. जिसमें पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच में लिया है.
पुलिस का क्या कहना है:वारासिवनी थाना प्रभारी शंकर सिंह चौहान का कहना है कि धान के रखरखाव में लापरवाही बरतने पर अहमदाबाद की कंपनी के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. सुरक्षा के लिए कंपनी को अधिकृत किया गया था. जिसकी लापरवाही से करीब 13 करोड़ का सरकार को नुकसान पहुंचा है.मामले की जांच की जा रही है.
सवाल यह है कि इसमें केवल फर्म जिम्मेदार है या फिर और भी लोग. यह सब जांच के बाद ही सामने आएगा कि आखिर कंपनी के अलावा विभाग की क्या जिम्मेदारी थी, कहीं उससे भी तो चूक नहीं हुई है.