बालाघाट। वारासिवनी विकासखंड के बिठली गांव में बीते दिन जिले की पहली शासकीय गौशाला शुरू हो गई है. प्रदेश के खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल और विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कावरे ने इस गौशाला का शुभारंभ किया है. बिठली गांव में चंदन नदी के किनारे 5 एकड़ क्षेत्र में 30 लाख रुपये की लागत से गौशाला बनाई गई है.
बालाघाट की पहली गौशाला का शुभारंभ खनिज मंत्री जायसवाल ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने अपने वचन पत्र में गौसेवा के लिए प्रदेश में गौशाला निर्माण का वादा किया था, आज यह वादा पूरा हो गया है. गौसेवा एक पुण्य का कार्य है और हमारी सरकार इसमें कभी पीछे नहीं रहेगी.
90 लाख रुपये की नल-जल योजना एवं पुलिया निर्माण को मंजूरी
खनिज मंत्री जायसवाल ने इस अवसर पर कहा कि मोहगांव खुर्द एवं बिठली ग्राम के लिए 90 लाख रुपए की नल-जल योजना मंजूर हो गई है. इसके लिए जल्द ही भूमिपूजन किया जायेगा. उन्होंने मोहगांव खुर्द और बिठली के बीच पुलिया निर्माण की घोषणा करते हुए कहा कि इस पुलिया के लिए भी शीघ्र ही भूमिपूजन किया जायेगा.
महिलाएं करेंगी गौशाला का संचालन
बिठली की गौशाला का संचालन पूरी तरह से महिलाओं के हाथों में सौंपा गया है. आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाओं के साहस स्वयं सहायता समूह को इसके लिए जिम्मेदारी दी गई है. गौशाला संचालन के लिए श्रीबालाजी गौशाला समिति का पंजीयन करा लिया गया है. महिलाओं के इस समूह में 15 सदस्य हैं और इन्हें इस गौशाला का 100 गार्यों की देखरेख का जिम्मा उठाना है.
बैंक ऋण के माध्यम से उपलब्ध होंगी गाएं
महिलाओं को 40 गायें बैंक ऋण के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी. गौशाला में गोबर के कंडे, स्टीक एवं अन्य उपयोगी सामग्री बनाने की मशीन भी लगाई जाएगी. गौशाला से होने वाली आय पर समूह की महिलाओं का अधिकार रहेगा. इस तरह से यह गौशाला महिलाओं के लिए गौसेवा के साथ रोजगार का जरिया भी बनेगी.
गौशाला में गोबर के कंडे और स्टीक भी बनेंगे
कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि जिले में पांच गौशालाएं बनाई जा रही हैं. इनमें से बिठली की गौशाला का आज शुभारंभ हुआ है. हैकटेदरा, पिपरझरी, गढ़ी एवं भूतना की गौशाला का निर्माण कार्य प्रगति पर है. बिठली की इस गौशाला में सड़कों पर आवारा घूमने वाले 60 पशुओं को रखा जायेगा. इस गौशाला में गोबर के कंडे एवं स्टीक भी बनायी जायेगी. कंडे की खपत के लिए उन्हें श्मशान से लिंक किया जायेगा. इस गौशाला में बायोगैस बनाने के साथ के ही गौमूत्र भी एकत्र किया जायेगा.