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बालाघाटः यहां एक सप्ताह में नहीं हुई बारिश तो बूंद-बूंद के लिये तरस जायेंगे लोग

बालाघाट में यदि एक सप्ताह के भीतर बारिश नहीं हुई तो शहर में पीने के पानी की किल्लत हो जाएगी. जिले की एकमात्र नदी वैनगंगा में सिर्फ 2 से 3 दिन का पानी ही बचा है पानी के अन्य संसाधन भी दम तोड़ चुके हैं. ऐसे में शहरवासियों की चिंता बढ़ गई है.

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Published : Jun 17, 2019, 12:02 AM IST

चंद दिनों का पानी बचा है वैनगंगा नदी में

बालाघाट। बालाघाट जिले की जीवनदायिनी वैनगंगा नदी में चंद दिनों का पानी बचा हुआ है. एक सप्ताह के भीतर बारिश नहीं हुई तो शहर में पीने के पानी की किल्लत हो जाएगी. हालात इतने बिगड़ने के आसार हैं कि लोगों को बूंद-बूंद को मोहताज होना पड़ेगा. इन दिनों शहरवासियों को महज एक वक्त का ही पानी मिल पा रहा है. लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है.

वैनगंगा नदी में चंद दिनों का पानी बचा है.
  • बालाघाट में जल संकट की समस्या विकराल होने वाली है.
  • बालाघाट शहर को पीने का पानी मुहैया कराने नगर पालिका परिषद का एकमात्र फिल्टर प्लांट वैनगंगा नदी पर बना है.
  • वैनगंगा नदी पर बने फिल्टर प्लांट में महज 2 से 3 दिन का पानी बचा है.
  • शहर के ये हालात 60 साल में पहली बार हुये हैं.
  • वैनगंगा नदी से मैग्नीज ओर इंडिया लिमिटेड मायल को बेतहाशा पानी की सप्लाई की गई.
  • नगर निगम ने नदी की छोटे पुल पर इस साल स्टॉप डैम नहीं बनवाया, जिसके कारण पानी की किल्लत हो रही है.
  • दिन में लोगों के घरों में एक बार ही पानी की सप्लाई होती है.
  • वैनगंगा नदी के किनारे बसे लोगों को भी पानी की बूंद बूंद के लिये मोहताज होना पड़ रहा है.
  • नगर पालिका के सीएमओ गजानन नवसारी का कहना है कि शहर में ऐसा पहली बार हो रहा है.
  • वैनगंगा नदी में पानी लगभग सूख गया है, जहां पर फिल्टर प्लांट से पानी आता है वहां पानी भी 2 से 3 दिन का ही बचा हुआ है.
  • सीएमओ ने अपनी गलती स्वीकार करने के साथ मैगनीज ओर इंडिया लिमिटेड पर जिम्मेदारी का ठीकरा फोड़कर पल्ला झाड़ रहे हैं.
  • जल संकट से निपटने के लिये नदी में जेसीबी और पोकलेन से पानी की दिशा मोड़ने का काम किया जा रहा है, वहीं सिवनी के भीमगढ़ बांध का पानी छोड़े जाने कही जा रही है.
  • वार्डों के हैंड पंप, कुआं सूख गए हैं और जो है नल कभी पानी देते थे अब हवा उगल रहे हैं.

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