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क्या 6वीं बार बिसाहूलाल करेंगे कमाल या जनता देगी कमलनाथ के विश्वनाथ का साथ

अनूपपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. इस सीट पर आदिवासी अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की मजबूत पकड़ है. बीजेपी की ओर से मंत्री बिसाहूलाल सिंह चुनावी मैदान में हैं. वहीं कांग्रेस ने विश्वनाथ सिंह कुंजाम को उम्मीदवार घोषित किया है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बिसाहूलाल सिंह ने बीजेपी के रामलाल को हराया था, लेकिन बिसाहूलाल सिंह के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद यहां उपचुनाव की स्थिति बनी है.

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Published : Oct 31, 2020, 9:24 PM IST

अनूपपुर। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को वोटिंग होनी है. इस सीटों में अनूपपुर विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित अनूपपुर विधानसभा सीट पर पहली बार उपचुनाव होने जा रहा है. बीजेपी ने अनूपपुर से खाद्य नागरिक, आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह को प्रत्याशी बनाया है. वहीं कांग्रेस ने भी क्षेत्र के युवा आदिवासी नेता विश्वनाथ सिंह कुंजाम को उम्मीदवार घोषित किया है. इस सीट पर आदिवासी मतदाताओं की संख्या करीब 25 हजार से ज्यादा बताई जा रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बिसाहूलाल सिंह ने बीजेपी के रामलाल को हराया था, लेकिन बिसाहूलाल सिंह के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद यहां उपचुनाव की स्थिति बनी है.

अनूपपुर का दंगल

1977 से अस्तित्व में आई थी अनूपपुर विधानसभा

अनूपपुर विधानसभा सीट पर कभी भी निर्दलीय प्रत्याशी को जीत नहीं मिली. यहां हमेशा बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी ही जीतते आ रहे हैं. 1977 से अस्तित्व में आई अनूपपुर विधानसभा सीट पर अब तक 10 बार चुनाव हो चुके हैं. बिसाहूलाल सिंह बीते 5 विधानसभा चुनावों से अनूपपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते आ रहे हैं, जिनमें से 5 चुनावों में उन्हें जीत मिली थी. वहीं 4 बार बीजेपी प्रत्याशी जीत चुके हैं. अनूपपुर विधानसभा कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. बीजेपी प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह गोंड समाज से आते हैं, उन्होंने पहली बार अनूपपुर विधानसभा से चुनाव 1980 में लड़ा था.

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विधानसभा सीट का जातिगत समीकरण

अनूपपुर विधानसभा में जातिगत फैक्टर सबसे अहम है. इस विधानसभा सीट पर आदिवासी और जनजाति समाज के करीब 50 प्रतिशत वोटर हैं. 10 प्रतिशत मुस्लिम वर्ग, 20 प्रतिशत सामान्य वर्ग और 20 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग के वोटर हैं. वहीं शहरी मतदाता 46 प्रतिशत और ग्रामीण मतदाता 54 प्रतिशत हैं. यहां आदिवासी समाज का प्रभाव ज्यादा माना जाता है. ऐसे में उपचुनाव में दोनों पार्टियों ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही आवदिवासी समाज के प्रत्याशी पर दांव लगाया है, क्योंकि आदिवासी समाज का वोट जिस प्रत्याशी को मिलता है. उसका चुनाव जीतना आसान हो जाता है.

अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित अनूपपुर विधानसभा सीट पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के मतदाताओं की मजबूत पकड़ है और अनुसूचित जनजाति वर्ग के मतदाता ही यहां जीत और हार तय करते हैं. अनूपपुर विधानसभा में कुल 1 लाख 69 हजार 70 मतदाता है. जिनमें से 86,731 पुरुष, 82,336 महिला और 3 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं. अनूपपुर विधानसभा सीट पर अनुसूचित जाति वर्ग के मतदाताओं की संख्या करीब 25 हजार से ज्यादा है.

कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह का दावा

कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने ही उन्हें कई बार विधायक बनाया, लेकिन बिसाहूलाल सिंह कांग्रेस पार्टी को धोखा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन उपचुनाव में अनूपपुर विधानसभा की जनता उन्हें वोट के माध्यम से जरूर जवाब देगी. बिसाहूलाल ने जनता के साथ छल किया है. बीजेपी के उपचुनाव जीतने के दावे पर विश्वनाथ सिंह का कहना है कि बागी विधायकों ने जिस तरीके से बीजेपी के साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार गिराई है. वे सब हारेंगे और एक बार फिर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी.

राजनीतिक विशेषज्ञ की राय

राजनीतिक जानकार राजेश शर्मा का कहना है कि वैसे देखा जाए तो अनूपपुर विधानसभा में दो ही पार्टी कांग्रेस और बीजेपी के ही विधायक बनते आए हैं. उनका कहना है कि बीजेपी प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह हर पोलिंग बूथ पर मजबूत स्थिति में है. वहीं कांग्रेस को कड़ी मेहनत करनी होगी. बिसाहूलाल को टक्कर देने के लिए. उनका कहना है कि क्योंकि अनूपपुर में आदिवासियों की पकड़ ज्यादा है और दोनों ही प्रत्याशी आदिवासी हैं. ऐसे में दोनों प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला रहेगा.

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