आगर मालवा।कोरोना संक्रमण ने इस वक्त पूरे प्रदेश को अपने प्रकोप में लिया हुआ है. प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी और समय पर इलाज नहीं मिलने से कई मरीजों की मौतें हो रही हैं. कोरोना से मौत का आंकड़ बढ़ने से मृतकों का अंतिम संस्कार कराने के लिए जगह और शवों को जलाने के लिए लकड़ियों की भारी किल्लत देखने को मिल रही है, जो प्रशासन के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है. इसी कड़ी में जिले के मुक्तिधाम में भी शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह और लकड़ियों की भी भारी कमी के चलते जिला प्रशासन परेशान है.
लकड़ियों की लड़ाई! श्मशानों में कोरोना मृतकों की चिता जलाने की जंग
आगर मालवा में शवों को जलाने के लिए लकड़ियां कम पड़ रही हैं, जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने से प्रशासन के सामने कई समस्याएं पैदा हो गई है. आलम यह है कि शवों के अंतिम संस्कार के लिए जगह भी मुश्किल से मिल पा रही है.
ऑक्सीजन का संकट : क्या है स्थिति, एक नजर
- 10 ट्राली लकड़ियां मुक्तिधाम पंहुचाई गई
आगर मालवा जिला प्रशासन अब लकड़ियों की कमी को दूर करने के लिए शहर के आसपास जंगलो को छान रहे हैं,साथ ही मुक्तिधाम पर शवों के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन ने बड़ी मात्रा में आसपास के जंगल से लकड़ियां इक्ट्ठा कर मुक्तिधाम में पंहुचाई है. वहीं, जिले में अब तक व्यापारियों से लकड़ी की व्यवस्था की जा रही थी, लेकिन मुक्तिधाम में शवों की संख्या बढ़ने से व्यापारी भी पर्याप्त मात्रा में लकड़ी मुहैया नहीं करा पा रहे हैं. शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की व्यवस्थाओं का जिम्मे लिए एसडीएम राजेंद्र रघुवंशी के निर्देशन में राजस्व विभाग की टीम ने बुधवार को करीब 10 ट्राली लकड़ियां नगरपालिका के संसाधनों से मुक्तिधाम पहुंचाई हैं.