उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के धाम में प्रत्येक वर्ष गंगा दशहरा पर्व (Ganga Dussehra 2022) पर खास आयोजन देखने को मिलता है, आयोजन के दौरान देश की सुख समृद्धि के लिए परिसर में 5 साल की बच्चियों से लेकर 60 साल की महिलाओं द्वारा नृत्य साधना की जाती है जो 16 घंटे लगातार चलती है. मंदिर में ये परंपरा 34 वर्षों से निभाई जा रही है, हालांकि कोरोना महामारी के चलते 2 वर्षों से इस पर प्रतिबंध था, लेकिन अब एक बार फिर ये खास नजारा देखने को मिला है.
गंगा दशहरा पर महाकाल के आंगन में निभाई गई परंपरा बच्ची की साधना देख हैरान हुए लोग: गंगा दशहरा पर बाबा महाकाल के आंगन में मंदिर के पट खुलने से लेकर शयन आरती के बाद पट बंद होने तक घुंघरू की थाप पर ये आराधना की जाती है. इस वीडियो में बच्चियों में सबसे छोटी जो नृत्य करती नजर आ रही है, उसकी उम्र 5 वर्ष है और उसका नाम जेसिका पटवा है. बच्ची की इतनी कम उम्र में साधना और आस्था को देख हर कोई हैरान है.
एक माह पहले शुरू होता है प्रक्षिक्षण:उज्जैन महाकाल मंदिर परिसर में नृत्य साधना के लिए शहर की प्रक्षिक्षिकाओं द्वारा 1 माह पहले प्रक्षिक्षण दिया जाता है, दिन भर तप्ती धूप में साधना करती बच्चियों और महिलाओं के लिए मंदिर समिति और मंदिर के कर्मचारियों की स्पेशल ड्यूटी लगाई जाती है. इसी के साथ साधना करने वालों के लिए पानी, छाव, खाने-पीने की व्यवस्था की जाती है और हर संभव सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है. इस दौरान मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्दालु इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए पहुंचते हैं.
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क्या होती है नृत्य साधना:आयोजन के दौरान मुख्य रूप से जो प्रस्तृती होती है उसमें शिवतांडव, शिव पंचाक्षर, बाबा महाकाल की आरती व शिव पार्वती से संबंधित हर एक भजन शामिल होते हैं, जो साधना के अंतर्गत आते हैं. ये पूरी परफॉर्मेंस लाइव होती है तबला और हारमोनियम की धुन पर गायक कलाकार गाते है और बच्चियां-महिलायें साधना करती हैं, साधना में शहर ही नहीं देश भर के कई बच्चे व महिलाएं शामिल होते हैं.