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उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह: राज्यपाल मंगुभाई ने छात्रों को दी डिग्रियां, बोले अपने ज्ञान को आचरण में शामिल करें छात्र

उज्जैन में विक्रम विश्वविद्यालय के 26वां दीक्षान्त समारोह शनिवार को सम्पन्न हुआ. समारोह में राज्यपाल मंगू भाई पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, पूर्व मंत्री पारस जैन, सांसद अनिल फ़िरोजिया कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय के साथ विश्व विद्यालय के प्रोफेसर मौजूद रहे. दीक्षांत समारोह में छात्रों को डिग्रिया, स्वर्ण और रजत पदक प्रदान किए गए. (convocation ceremony at Vikram University Ujjain)

Vikram University Convocation in Ujjain
उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह

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Published : Apr 2, 2022, 4:24 PM IST

उज्जैन: विक्रम विश्वविद्यालय के 26 वां दीक्षान्त समारोह शनिवार को सम्पन्न हुआ. समारोह में राज्यपाल मंगू भाई पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद सहित कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय मौजूद रहे. दीक्षांत समारोह में छात्रों को स्वर्ण और रजत पदक प्रदान किए गए. समारोह में 108 पीएचडी व डीलिट, ग्रेजुएट के 11 व पोस्ट ग्रैजुएट के 60 गोल्ड मैडलिस्ट छात्र छात्राओं को राज्यपाल ने उपाधि देकर सम्मानित किया.(convocation ceremony at Vikram University Ujjain) (26th Convocation of Vikram University Ujjain)

उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह

राज्यपाल का छात्रों को संदेश :राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने विद्यार्थियों संबोधित करते हुए कहा कि, जिन छात्रों को स्वर्ण, रजत पदक और डिग्रियां मिली हैं. वो अपने ज्ञान को अपने आचरण में भी शामिल करें और विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें. छात्रों को संदेश देते हुए महामहिम ने कहा कि देश हित में कार्य करने से छात्रों को कभी पीछे नहीं हटना चाहिए. छात्र जीवन में कोई ऐसा काम ना करें जिससे मां-बाप मातृभूमि और विश्वविद्यालय की छवि खराब हो. हमेशा अपने माता-पिता के त्याग का ध्यान करें.

उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह

दीक्षा के बाद ही असल शिक्षा की शुरुआत :राज्यपाल ने छात्रों को बधाई दी और कहा कि मां बाप के अनपढ़ होने के कारण बच्चों को सही दिशा नहीं मिल पाती है. ऐसे तबके के बच्चों को आगे बढ़ाने की जरूरत है. दीक्षा के बाद ही असल शिक्षा की शुरुआत होती है. समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि, असली दीक्षा स्कूली शिक्षा में नहीं बल्कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद छात्रों को दी जाती है. छात्र की दीक्षा के बाद ही असली परीक्षा की शुरूआत होती है. छात्र को दीक्षा के माध्यम से ज्ञान कि स्थितियों का अनुभव कराया जाता है.

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