उज्जैन।विक्रम विश्वविद्यालय जो कि अक्सर अपनी वेबसाइट में गड़बड़ियों की वजह से सुर्खियों में रहता है, उन परेशानियों से निजात पाने के लिए नव नियुक्त कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय ने नई रणनीति बनाई है. इसके लिए वो 'स्पेशल 15' की टीम तैयार कर रहे हैं, इस टीम में विक्रम विश्वविद्यालय के 4TH GREAT कर्मचारी को रखा जाएगा.
चपरासी से बनेंगे सॉफ्टवेयर इंजीनियर
कुलपति ने जिन कर्मचारियों को इस टीम में शामिल किया है, वह अनुकंपा नियुक्ति की वजह से प्यून का काम कर रहे हैं, लेकिन अब इन्हें अपनी पहचान बनाने का मौका अपने ही डिपार्टमेंट ने दिया है, एक आदेश में कुलपति ने 15 ऐसे युवाओं को शामिल होने का न्योता दिया है, जो लखनऊ जाकर कंप्यूटर ट्रेनिंग लेने के लिए अति उत्साहित हों, और विक्रम विश्वविद्यालय के लिए खुद के लिए अपने एजुकेशन के हिसाब से कार्य करना चाहते हैं.
स्पेशल-15 में शामिल सभी कर्मचारी 1 महीने की ट्रेनिंग के बाद विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट रिजल्ट और अन्य के लिए कार्य करेंगे, विक्रम विश्वविद्यालय का उद्देश्य युवाओं को उनकी पहचान और विक्रम विश्वविद्यालय पर लगे दाग को साफ करना है.
क्या कहना है कुलपति का जानिए
कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जब से उन्होंने विक्रम विद्यालय को ज्वाइन किया है, तब उनके मन में एक सवाल उठता था, कि सारे विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा 50% से अधिक अनुकंपा नियुक्ति विक्रम विश्वविद्यालय में की गई है, उन्होंने इसका कारण पता किया, तो पता चला उनके फोर्थ क्लास के कर्मचारियों की मृत्यु के बाद उनके परिवार के सदस्य अनुकंपा पर नियुक्ति पर विश्वविद्यालय ज्वाइन कर रहे है, शासकीय नियम के मुताबिक उन्हें मजबूरन प्यून का काम करना पड़ रहा है.
लखनऊ और उज्जैन में ट्रेनिंग लेगी स्पेशल-15 की टीम
कुलपति ने कहा कि उनके करियर और उनकी क्षमता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने स्पेशल-15 की फौज तैयार करने का निर्णय लिया है, उन्हें वो कंप्यूटर की ट्रेनिंग के लिए लखनऊ भेजेंगे, उज्जैन में भी ट्रेनिंग देंगे, यह वह स्पेशल-15 होंगे, जो विक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट को मेंटेन करेंगे, ताकि उन्हें इस तरह की वेबसाइट हैक होने से लेकर अन्य परेशानी भविष्य में न आए.