जबलपुर।प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना या सौभाग्य योजना के घोटाले को उजागर करने में ही कंपनी के करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन अभी जांच पूरी नहीं हुई है. पिछले 4 माह से ज्यादा समय से सौभाग्य योजना के घोटाले की जांच पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी करवा रही है, इसमें जिले के बाहर के अधिकारियों को नियुक्त किया गया है. इनके वेतन, वाहन और खाने-पीने पर भारी खर्च आ रहा है. हालांकि कंपनी प्रबंधन से अभी तक खर्च का खुलासा नहीं हो पाया है.
अधिकारियों के सैलरी में लाखों खर्च
मंडला, डिंडौरी, सीधी और सिंगरौली जिले में जांच हुई मंडला,डिंडोरी के लिए जबलपुर मुख्यालय से टीम गई. वही सीधी, सिंगरौली केलिए रीवा संभाग और स्थानीय अधिकारियों को जोड़ा गया. एक सैकड़ा से ज्यादा लोग इस काम में जुटे हुए रहे. सूत्रों की माने तो एक लाख से ज्यादा का मासिक वेतन लेने वाले आधा सैकड़ा से ज्यादा अफसर शामिल हैं. करीब तीन-चार माह जांच करते हुए बीत गया है इसके अलावा कई दफा दौड़ रहे वाहन और खाने के अलावा जांच के दस्तावेजों पर भी लाखों रुपए खर्च आया है. जिले में जांच करने वाले अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि 3 माह तक 40 सदस्य टीम ने एक एक कनेक्शन चेक किया है इसमें लाखों रुपए का खर्च आया है.