जबलपुर(Jabalpur)।कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का त्यौहारों पर काफी असर पड़ा है. हर साल नवरात्रि (Navratri) में जहां गली-मोहल्ले में माता की प्रतिमाएं स्थापित की जाती थीं. वह इस साल कम ही देखी जा रही हैं. लोगों को डर है कि कहीं कोरोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) न आ जाए, और दोबारा लॉकडाउन ना लग जाए. इस वजह से माता की प्रतिमा के लिए मूर्तिकारों को ऑर्डर भी नहीं दिया गया. इस सबके बीच एक अंतर्राष्ट्रीय पेंटिंग आर्टिस्ट (International Painting Artist) ने स्वयं ही माता की मूर्ति पेंटिंग कर उसे स्थापित कर दिया. माता की इस 3D पेंटिंग को बनाया है आर्टिस्ट संदीप सिन्हा ने, जिनका नाम लिम्का बुक, एशिया बुक और गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है.
पांच दिन तक दिन-रात बनाई पेंटिंग
पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर संदीप सिन्हा वर्तमान में पुणे में पदस्थ हैं. मूलतः जबलपुर के रहने वाले संदीप सिन्हा हर साल नवरात्रि में अपने घर आते हैं. इस साल भी जब वह जबलपुर स्थित खमरिया आए तो उन्हें पता चला कि जो मूर्तिकार कलकत्ता से आकर हर साल मां दुर्गा की मूर्ति बनाया करते थे, इस वर्ष वह लोग कोरोना के चलते नहीं आए हैं. ऐसे में विडबंना आ गई कि क्या इस वर्ष दुर्गा जी की स्थापना नहीं होगी. अंतरराष्ट्रीय अर्ट्रिस्ट संदीप सिन्हा ने सोचा कि क्यों न इस वर्ष मिट्टी की प्रतिमा के स्थान पर पेंटिंग वाली दुर्गा जी रखी जाए. इसके बाद संदीप जुट गए माता जी की 3D तस्वीर बनाने में. आखिर उनकी मेहनत सफल हुई और पांच दिनों में उन्होंने माता की पेंटिंग बनाई.
पहली बार 3D पेंटिंग की स्थापना
अपनी पेंटिंग का जौहर भारत के साथ-साथ कई देशों में दिखा चुके संदीप सिन्हा है तो साफ्टवेयर इंजीनियर, पर वो कहते है कि पेंटिंग उनका जूनून है. उन्होंने जबलपुर में जो दुर्गा जी, सरस्वती जी, लक्ष्मी जी, को बनाया है, उसमें पेंटिंग के अलावा जो वस्त्र धारण करवाए गए हैं, वो 3D का अनुभव दिलाते हैं. कहा जा सकता है कि संभवत यह पहली बार हो रहा है जहां मिट्टी की प्रतिमा के स्थान पर 3D पेंटिंग की स्थापना की गई हो.