भोपाल।कोरोना संक्रमण के दौर में जहां संक्रमित बेहद जरूरी माने जा रहे रेमेडेसिविर के इंजेक्शन के लिए परेशान रहे वहीं अब यह इंजेक्शन प्रदेश सरकार को भी परेशान करने लगा है. कोरोना काल में जमकर हुई रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के तार अब प्रदेश सरकार के एक बड़े मंत्री के घर तक भी जा पहुंचे है. इस मामले में सियासत भी तेज हो गई है. मंत्रिजी इस पूरे मामले पर सफाई देते घूम रहे हैं, जबकि कांग्रेस मामले की जांच कराने के साथ ही मंत्री का इस्तीफा मांग कर रही है. प्रदेश की सियासत में हलचल मचा चुके रेमडेसिविर की कालाबाजारी कांड में जबलपुर के वीएचपी जिला अध्यक्ष सरबजीत सिंह मोखा की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.
रेमडेसिविर:मंत्री सिलावट के परिवार से जुड़ रहे हैं ब्लैकमार्किटिंग के तार ऐसे हुआ 'कालाबाजारी कांड' का खुलासा
रेमडेसिविर:मंत्री सिलावट के परिवार से जुड़ रहे हैं ब्लैकमार्किटिंग के तार - इंदौर की विजय नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को रेमडेसिविर की कालाबाजारी के मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी पूर्णिमा डगरिया के ड्राइवर पुनीत अग्रवाल को गिरफ्तार किया था.
- पुलिस ने आरोपी के पास से रेमडेसिविर के इंजेक्शन जब्त किए हैं.आरोपी को 20 मई तक रिमांड पर लिया गया है.
- इस दौरान पूछताछ में आरोपी ड्राइवर ने बताया है कि वह ये इंजेक्शन मंत्री तुलसी सिलावट की पत्नी के ड्राइवर गोविंद राजपूत से लेकर आया था.
- मंत्री की पत्नी के ड्राइवर गोविंद राजपूत का मामले में नाम सामने आने के बाद पुलिस गोविंद राजपूत की तलाश में जुट गई है. पुलिस का दावा है कि ड्राइवर गोविंद को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
- स्वास्थ्य अधिकारी के ड्राइवर पुनीत ने पूछताछ में यह भी बताया कि वो एक पुलिस वाले के लिए यह इंजेक्शन लेकर जा रहा था.
- पुनीत ने यह इंजेक्शन 14 हजार रुपए में खरीदा था.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी पुनीत अग्रवाल एक ट्रैवल्स एजेंसी में काम करता है और इसी दौरान उसकी तुलसी सिलावट की पत्नी के ड्राइवर गोविंद से राजपूत से दोस्ती हुई थी. गोविंद ने इसके पहले भी पुनीत को रेमडेसिविर के इंजेक्शन दिलवाए थे.
सिलावट ने दी सफाई
रेमडेसीविर इंजेक्शन बेचने और कालाबाजारी करने वाले आरोपियों के बयान से कटघरे में प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री तुलसी सिलावट भी आए. जिसके बाद सिलावट ने इस पूरे मामले में सफाई देते हुए कहा कि इस मामले में मेरे परिवार के किसी भी सदस्य का कोई कनेक्शन नहीं है. उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के भी आदेश दिए हैं. इस मामले में बुधवार को सफाई देने आए मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा-
- जो ड्राइवर गिरफ्तार किए गए हैं वह एक निजी ट्रैवल एजेंसी के ड्राइवर हैं.
- जहां तक मेरे परिवार के इस मामले से संबंध होने की बात की जा रही है लेकिन मेरे परिवार का इससे कोई लेना-देना नहीं है.
- सिलावट ने कहा कि मैने इस पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.
रेमडेसिविर:मंत्री सिलावट के परिवार से जुड़ रहे हैं ब्लैकमार्किटिंग के तार
कांग्रेस ने मांगा सिलावट का इस्तीफा
Remadecevir case में कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने मंत्री तुलसी सिलावट से इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट का परिवार रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और बिक्री में जुटा है. विधायक के आरोप पर राजनीतिक गलियारों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है. प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट के बेटे चिंटू सिलावट ने कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला को उनके आरोपों को लेकर 5 करोड रुपए के मानहानि का दावा करने को लेकर नोटिस भेजने की बात भी सामने आई है. हालांकि इस बारे में विधायक संजय शुक्ला का कहना है कि उनके पास मंत्री तुलसी सिलावट के परिवार के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण और दस्तावेज हैं. मानहानि का नोटिस मिलने पर वह सभी सबूत कोर्ट में पेश करेंगे. इसके बाद यह मामला ठंडा पड़ गया और शीर्ष स्तर पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन बुधवार को एक बार फिर से विधायक संजय शुक्ला ने इस मामले में तुलसी सिलावट को कटघरे में खड़ा किया है.
दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई
मामले की जांच कर रहे आईजी इंदौर हरिनारायण चारी मिश्रा का कहना है कि रेमडेसिविर की ब्लैकमार्केटिंग से जुड़े मामले में जो भी तथ्य सामने आ रहे हैं उनकी बारिकी से जांच पड़ताल की जा रही है. पूरे मामले में जो भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की खरीद-फरोख्त में जुड़ा पाया जाएगा उस पर कानून के मुताबिक सख्त कार्रवाई की जाएगी. आईजी ने कहा कि फिलहाल इस मामले में अलग-अलग लोगों के नाम सामने आ रहे हैं जिसकी जांच की जा रही है. यदि कोई पुलिस कर्मी भी इस पूरे मामले में दोषी पाया गया तो उसपर भी कार्रवाई की जाएगी.आईजी का कहना है कि जिले में इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में गिरफ्तार आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की गई है. इस मामले में अब तक 32 आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई की गई. वहीं जिले में अभी तक 57 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
वीएचपी का जिलाध्यक्ष भी हो चुका है गिरफ्तार
जबलपुर के सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा को भी नकली रेमडेसिविर बेचने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. मोखा विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) से जुड़े हुए हैं. वे जबलपुर शहर के वीएचपी जिलाध्यक्ष थे. मोखा पर आरोप है कि उसने गुजरात की एक कंपनी से नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लिए थे. इसका खुलासा जबलपुर के भगवती फार्मा के संचालक की गिरफ्तारी के बाद हुआ.आरोपी सरबजीत सिंह मोखा के अलावा इस मामले में गिरफ्तार भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन को गुजरात पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. जैन ने पुलिस पुछताछ में बताया था कि उसने सिटी हॉस्पिटल के कर्मचारी देवेश चौरसिया को इंजेक्शन भेजे थे. जिनकी तादाद लगभग 1000 थी. पुलिस ने उसी के बयान के आधार पर मोखा को गिरफ्तार है.इससे पहले भी रेमडेसिविर की कालाबाजारी में डॉक्टर, नर्स, पैथोलॉजिस्ट के कनेक्शन भी सामने आ चुके हैं।