इंदौर ।मध्य प्रदेश के आदिवासियों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सौगातों की बौछार कर दी है.सरकारी ज़मीन का पट्टा देने से लेकर अब उन्हें शराब बनाने की छूट भी दी जाने वाली है. आदिवासी जननायक टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में (CM Shivraj Singh Chauhan big announcement for tribals) CM शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों ने जो बड़े ऐलान किए उनमेें महुवा से शराब बनाने की छूट भी शामिल है. नई हेरिटेज आबकारी नीति (Heritage Wine Policy Madhya Pradesh) के तहत महुए से बनी शराब भी सरकारी लाइसेंस वाली दुकानों से बेची जा सकेगी. सरकार के इस निर्णय से शराब का अवैध उत्पादन और बिक्री रुकेगी, साथ ही सरकार को हर साल करीब 300 करोड़ रुपये का राजस्व भी मिलेगा.
शराब बनाकर बेच सकेंगे मध्य प्रदेश के आदिवासी प्रदेश में प्रतिबंधित है महुए से निर्मित शराब
अभी प्रदेश के आदिवासी जिलों को छोड़कर महुआ शराब का निर्माण व विक्रय प्रतिबंधित है, यही वजह है कि आबकारी और पुलिस विभाग के लिए महुआ शराब भी कमाई का एक माध्यम बना हुआ है. आदिवासियों से लेकर कलार व अन्य वर्ग बड़ी तादात में महुआ शराब के करोबार से जुड़ा हुआ है, आदिवासी समाज खुद महुआ शराब बनाता है और इसका सेवन करने के लिये 5 लीटर तक की अनुमति है, इसकी आड़ में ही वे चोरी-छिपे इसका अवैध करोबार भी करते हैं.
आदिवासियों पर मेहरबान CM शिवराज सिंह चौहान
टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर हुए रंगारंग कार्यक्रम में CM शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj showers sops on tribals) ने आदिवासियों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी. शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया कि अब गरीबों को पट्टे दिए जाएंगे इसके अलावा आदिवासी विकास खंडों में सीएम राइस स्कूल भी खोले जाएंगे. यह स्कूल 25 से 30 गांव में एक आदिवासी विकास विभाग खोलेगा. इसके अलावा वंचित और दलित आदिवासी वर्गों को रोज़गार का प्रावधान करते हुए बैकलॉग के करीब 100000 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. आदिवासी अंचल के युवाओं को रोज़गार से जोड़ने के लिए CM उद्यम योजना भी शुरू की जा रही है जिसमें स्वरोज़गार स्थापित करने के लिए योग्य आवेदकों को अधिकतम ₹5000000 दिए जाएंगे. इसके लिए भी सरकारी सब्सिडी और मार्जिन मनी की राशि राज्य सरकार वहन करेगा.
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आदिवासी क्षेत्रों में सूदखोरों की शामत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासियों को सूदखोरी के चंगुल से बचाने के लिए सूदखोरी प्रथा के खिलाफ अभियान छेड़ने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सूदखोरी के खिलाफ कार्रवाई तेज़ की जाएगी. उन्होंने कहा कि आदिवासियों द्वारा एकत्र की जाने वाली वनोपज को भी समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा. इसके अलावा आदिवासी अंचलों में जिन गरीबों के पास मकान नहीं है उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान उपलब्ध कराए जाएंगे. मकान बनाने के लिए सरकारी ज़मीन की ज़रूरत होगी तो उस पर भी हितग्राहियों को पट्टे देकर लाभान्वित किया जाएगा. पंचायत राज अधिनियम के तहत ग्राम सभा को अधिकार दिए जाने का काम किया जा रहा है. इतना ही नहीं गरीबों और आदिवासियों पर दर्ज किए गए छोटे अपराधिक मामले राज्य शासन द्वारा वापस लिए जाएंगे.