इंदौर। प्रदेश में सरप्लस बिजली होने और उद्योगों को 24 घंटे लगातार बिजली उपलब्ध कराने के दावे करने वाली राज्य सरकार, बिजली की आंख मिचौली के कारण इन्वेस्टर्स समिट में भी अपनी ही विद्युत आपूर्ति पर भरोसा नहीं कर पा रही है. यही वजह है कि आयोजन स्थल ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में इन्वेस्टर्स समिट के दौरान आगामी 2 दिनों तक बिजली आपूर्ति निजी एजेंसियों के भारी-भरकम जनरेटर के भरोसे रहेगी. चौंकाने वाली बात ये है कि पहली बार जनरेटर के बैकअप में विद्युत वितरण कंपनी की व्यवस्था को रखा गया है, जो जनरेटर के फेल होने की आशंका में ही उपलब्ध हो सकेगी.
विद्युत आपूर्ति पर नहीं कमलनाथ सरकार का भरोसा दरअसल, पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के लिए भी ये पहला अवसर होगा जब लाखों रुपए की समानांतर विद्युत लाइन और ट्रांसफॉर्मर लगाने के बाद पूरे आयोजन में इस व्यवस्था का उपयोग तभी किया जाएगा जब जनरेटर आयोजन के लिए जरूरी विद्युत आपूर्ति का लोड लेने की स्थिति में नहीं रहेंगे. ये बात और है कि पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उत्तर संभाग के तमाम आला अधिकारियों को कुछ दिनों पहले निर्देश मिले थे कि आयोजन के दौरान ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर के आस-पास की विद्युत सप्लाई पलक झपकने के लिए भी लाइट बंद ना हो सके. इसके लिए अलग से ट्रांसफॉर्मर समेत बिजली की तमाम व्यवस्थाएं जुटाई जाए.कई दिनों से उत्तरी संभाग के अफसर भारी भरकम खर्च की स्वीकृति के बिना ही ट्रांसफार्मर खंबे और सर्विस लाइन की व्यवस्था करने में जुटे हुए थे. आज किसी तरह नए खंभे नई सर्विस लाइन को ट्रांसफॉर्मर स्थापित करने के बाद सर्विस लाइन टेस्ट करने के बाद जब ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर को आपूर्ति देने का मौका आया तो पता चला यहां आयोजक पूरी सप्लाई जनरेटर पर ही रखना चाहते हैं. ये सुनकर विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी भी हैरान रह गए, इतना ही नहीं कन्वेंशन सेंटर के अंदर भी जनरेटर से ही सप्लाई देने की कोशिश की गई तो सेंटर के प्रबंधन ने आपत्ति लेते हुए इंकार कर दिया.नतीजतन एक ही जनरेटर परिसर के अंदर लगाया जा सका इधर मौके पर तैनात विद्युत अधिकारियों ने नाम का खुलासा न करने की शर्त पर बताया कि जब सर्विस लाइन से सप्लाई लेनी नहीं थी तो विद्युत वितरण कंपनी के लाखों रुपए की फिजूलखर्ची नहीं करना चाहिए थी, इस दौरान ये भी पता चला कि जिन विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों की ड्यूटी मौके पर लगाई गई है, उन्हें भी परिसर के आस-पास जाने के लिए प्रवेश पत्र जारी नहीं किए गए हैं, लिहाजा कंपनी के अधिकारियों ने कंपनी के स्तर पर ही परिचय पत्रों की व्यवस्था खुद जुटाई है, ऐसे में ये भी तय नहीं है कि उक्त अधिकारी, कर्मचारी कंपनी के परिचय पत्रों के जरिए अपने ही विद्युत के पॉइंट तक पहुंच पाएंगे या नहीं.