इंदौर।प्रदेशभर के अस्पतालों में इस समय कोरोना से मरीजों को बचाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन की है. गंभीर मरीजों के लिए जरूरी यह दोनों ही साधन प्रदेश में उपलब्ध नहीं हैं. ऐसी स्थिति में कोरोना के गंभीर मरीजों को इंजेक्शन के लिए कई-कई दिनों का संघर्ष करना पड़ रहा है. इस समय प्रदेश में आलम यह है कि करीब 13 हजार इंजेक्शन प्रतिदिन की जरूरत पड़ रही है. जबकि उपलब्धता सिर्फ 7 हजार डोज की है, इसमें से 35 सौ डोज इंदौर और बचे डोज जिलों में जा रहे हैं. जबकि इंदौर में ही करीब सवा सौ अस्पतालों में 4 हजार से ज्यादा गंभीर मरीज भर्ती हैं. ऐसी स्थिति में जिसे जहां से जो उम्मीद दिख रही है. वह वहां हर कीमत पर इंजेक्शन खरीदने के लिए तैयार हैं.
- रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी
दरअसल, बीते साल कोरोना काल के बाद संक्रमण में कमी आने पर इस इंजेक्शन की उपलब्धता के बावजूद जरूरत नहीं पड़ रही थी, लेकिन अचानक बड़े संक्रमण के कारण महाराष्ट्र, गुजरात समेत दूसरे तमाम राज्यों में इंजेक्शन को लेकर मारामारी शुरू हो गई है. बीते 15 दिनों में रेमडेसिविर की मांग 4 गुना तक बढ़ गई है. इंजेक्शन की जरूरत 15 दिन में एक से डेढ़ हजार की थी. वह अब बढ़कर 6 हजार से भी ज्यादा हो गई है. जिन स्टॉकिस्ट के पास यह दवा थी, वह अब दवा की कालाबाजारी करते हुए जमकर मुनाफा की वसूली कर रहे हैं. इसका असर मध्य प्रदेश के तमाम जिलों में दिख रहा है.