इंदौर। मध्य प्रदेश की व्यवसायिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में स्वच्छता के साथ यहां के परिवहन को भी इको फ्रेंडली बनाने के लिए बीते कुछ सालों से युद्ध स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. यही वजह है कि शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स तेजी से सुधर रहा है. इंदौर प्रदेश का पहला शहर रहा है जहां सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू किया गया था. अब यहां शहरों में दौड़ने वाली सार्वजनिक परिवहन की डेढ़ सौ बसों को इलेक्ट्रिक बसों में तब्दील कर दिया जाएगा. Indore to become Electric city
बैटरी से चलने वाले वाहनों की संख्या बढ़ी: इसके अलावा शहर इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट के विस्तार ई दिशा में लोग अब बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक कारें और दुपहिया वाहन खरीद रहे हैं, जिससे निजी एवं सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति रुझान साफ नजर आ रहा है. फिलहाल इंदौर में करीब 1000 ई रिक्शा समेत 500 से 600 इलेक्ट्रिक कारें और 80 से 100 इलेक्ट्रिक बसों का प्रचलन हो रहा है. बीते 5 सालों में इंदौर में बैटरी से चलने वाले वाहनों की बढ़ती संख्या पर गौर किया जाए तो इनकी संख्या अब हजारों में पहुंच रही है. इसके अलावा इंदौर नगर निगम और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जैसे शासकीय कार्यालयों में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग जरूरी किया गया है.
इंदौर में सबसे पहले चार्जिंग नेटवर्क:भूतल परिवहन मंत्रालय ने इंदौर में करीब 130 चार्जिंग प्वाइंट बनाने की मंजूरी दी है. इसके लिए इंदौर नगर निगम ने तीन कियोस्क एजेंसियां भी तय कर दी है जो शहर के सभी महत्वपूर्ण इलाकों में चार्जिंग स्टेशन विकसित कर रही हैं. फिलहाल इंदौर के राजीव गांधी सर्किल समेत नगर निगम के कुछ कार्यालयों में चार्जिंग पॉइंट की व्यवस्था है. जहां से वाहनों को चार्ज करके सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है. बारिश के बाद शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने की गति तेज होगी. Electric vehicle charging stations