इंदौर। लोकायुक्त टीम ने आज निगम के दो अधिकारियों को ट्रेस किया है, बता दें कि लोकायुक्त के अधिकारियों को एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि निगम में पदस्थ दोनों अधिकारी उससे रिश्वत की डिमांड कर रहे हैं. इसी सूचना के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने योजना बनाई और उसके बाद निगम के दो अधिकारियों को ट्रैप करते हुए उन पर कार्रवाई की है, वहीं पूरे ही मामले की देर शाम तक जांच पड़ताल की गई और जब पकड़े गए निगम के अधिकारी के केबिन की जांच को गई तो उसके केबिन में दस लाख रुपये नकद मिले जिसकी जांच की जा रही है.
25 हजार की रिश्वत लेते निगम अधिकारी गिरफ्तार
इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने निगम के दो अधिकारी को 25000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, इस काम में रिश्वत के रुपए अपने पास रखने वाली महिला क्लर्क को भी पुलिस ने आरोपी बनाया है और रिश्वत के ₹25000 भी आरोपियों के पास से लोकायुक्त पुलिस ने जब्त किया है, वहीं पूरे ही मामले में लोकायुक्त की टीम ने काफी बारीकी से मामले की तफ्तीश में जुटी हुई थी और जांच पडताल करते हुए लोकायुक्त ने अधिकारी के केबिन की भी जांच की, इस दौरान लोकायुक्त को दस लाख रुपये नकद अधिकारी के केबिन में मिले, उसके बाद ही निगम में पदस्थ अधिकारियों पर कार्रवाई की है.
बिजासन टेकरी पर बन रहे उद्यान को लेकर की डिमांड
इंदौर की लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर नगर निगम के अधीक्षक विजय सक्सेना और क्लर्क हिमानी वेध को गवर्नमेंट सिविल कांट्रेक्टर से 25000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, इंदौर की बिजासन टेकरी पर पिछले 3 सालों से उद्यान डेवलपमेंट का काम चल रहा है.
इस काम का ठेका नगर निगम ने रूद्र कंस्ट्रक्शन के धीरेंद्र चौबे को दिया है, उद्यान का काम पूरा हो गया था, जिसमें साढ़े नौ लाख का अंतिम बिल का भुगतान नगर निगम को करना था, जिसमें जनकार्य विभाग के अधीक्षक विजय सक्सेना ने बिल का भुगतान करने के एवज में बिल का 3% मतलब 25000 की रिश्वत मांगी थी. जिसके बाद फरियादी धीरेंद्र ने पूरे मामले की शिकायत लोकायुक्त एसपी को की.
शिकायत के बाद आज फरियादी रिश्वत की राशि नगर निगम में विजय सक्सेना को दी, तो विजय सक्सेना ने यह राशि ऑफिस में ही पदस्थ महिला क्लर्क वेध को दे दी क्लर्क ने रिश्वत की राशि को अलमारी में रखा , उसी दौरान लोकायुक्त की टीम ने वहां पर दबिश दी और दोनों अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़े हुए ₹25000 उनके पास से जब्त कर लिया वहीं पूरे ही मामले में पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अधिकारियों पर कार्रवाई की है और पूरे मामले की बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है.