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कृषि मंत्री तोमर की खरी-खरी: वापस नहीं होगा कृषि कानून, मेल मिलाप का अर्थ ये नहीं कि मैं CM की दौड़ में हूं

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. उन्होंने कोरोना की तीसरी लहर से लेकर किसानों की नाराजगी तक के मुद्दे पर हर सवाल का बेबाकी से जवाब दिया.

Union Minister Narendra Singh Tomar Exclusive interview on Etv Bharat
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से खास बातचीत

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Published : Jun 20, 2021, 1:03 AM IST

Updated : Jun 20, 2021, 1:16 PM IST

ग्वालियर। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इस वक्त अपने दो दिवसीय दौरे पर ग्वालियर-चंबल अंचल में हैं. वह लगातार ग्वालियर-चंबल अंचल के जिलों में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका के चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के साथ योजना बना रहे हैं, जिससे संक्रमण के दौरान लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित ना होना पड़े. साथ ही जहां मेडिकल उपकरण की कमी है, वहां पर मेडिकल उपकरण उपलब्ध करा रहे है. इन तमाम मुद्दों पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की और कई सवालों के जवाब दिए.

सवाल- भारत में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना है. इसको रोकने के लिए आप किस तरह तैयार हैं ?

जवाब- केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि भगवान से प्रार्थना है कि अब तीसरी लहर ना आए, लेकिन फिर भी अगर तीसरी लहर आती है तो राज्य और केंद्र सरकार इसको लेकर चिंतित और गंभीर है. इसके लिए आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं. अगर तीसरी लहर आती है तो भारत इसको रोकने में सफल होगा. इसके साथ ही वैक्सीनेशन का काम भी तेजी से चल रहा है, जल्द ही वैक्सीनेशन का काम पूरा हो जाएगा.

'वापस नहीं होगा कृषि कानून' केन्द्रीय मंत्री तोमर की खरी-खरी

सवाल- किसान आंदोलन को लेकर आपकी क्या राय बनी है. आखिर कब तक ये चलेगा ?

जवाब- लंबे अंतराल के बाद सोच समझकर मोदी सरकार ने केंद्र और राज्य सरकार से बिल को पास कर पारित किया है।, लेकिन दुर्भाग्य से कुछ किसान यूनियन हैं जो इस बिल का विरोध कर रही है, लेकिन देश भर में बड़ी संख्या में किसान यूनियन और किसान इस बिल के समर्थन में हैं इसलिए इस बिल को वापस नहीं लिया जा सकता है. सरकार और किसान यूनियन के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है. किसान यूनियन इस कानून में कमियां बताएं तो हम उस पर चर्चा और निराकरण करने के लिए तैयार हैं.

सवाल- पंजाब में किसान ग्रामीण विकास निधि को लेकर परेशान हैं. बोला जा रहा है कि केंद्र ने रकम रोक दी है ?

जवाब- केंद्र सरकार सभी राज्यों में समान व्यवहार पर भरोसा रखती है और किसी भी प्रकार की निधि को रोका नहीं गया है, लेकिन जो केंद्र सरकार की नीति है उसको राज्य सरकार ठीक से इस्तेमाल करें और समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें. हमारे मंत्रालय में किसी भी राज्य को अप्रोच करने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. हमारे यहां निधि सभी राज्यों को समय से पहले अंतरित कर दी जाती है.

सवाल- लगातार सरसों के तेल के साथ खाद्य तेलों के दाम बढ़ रहे हैं इसके पीछे क्या कारण है ?

जवाब- आपने देखा होगा जब दलहन और तिलहन के भाव बढ़ने की स्थिति आई तो केंद्र सरकार ने इसको संज्ञान में लिया और जो आवश्यक उपाय किए जाते हैं वह सभी किए हैं. आपने देखा होगा कि खाद्य पदार्थ और तेल के दाम भी गिर गये हैं. भारत सरकार एक तरफ किसानों को उनका वाजिब दाम मिले इसकी बराबर चिंता करती है तो वही उपभोक्ता को भी सस्ते दामों पर खाद्यान्न सामग्री मिले इसके ऊपर भी जवाबदेही बरती है.

सवाल- एमएसपी पंजाब में सीधे किसानों के खाते में गया है. क्या अन्य राज्यों में भी ऐसा होगा ?

जवाब- जब से केंद्र में मोदी जी आए हैं तब से जो सरकारी पैसे का बंदरबांट होता था, उसको रोकने की कोशिश की गई है और जिस का हक का पैसा है, वह पूरी ईमानदारी से उसके खाते में जाना चाहिए. आपको ध्यान हो कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी कहते थे कि हम यहां से 100 रुपए भेजते हैं और किसानों को पहुंचते-पहुंचते सिर्फ 15 रह जाते हैं, लेकिन मोदी जी इससे उलट हैं. मोदी जी 100 रुपए भेजते हैं और 100 रुपए ही पहुंचते हैं। पीएम सम्मान निधि के अंतर्गत 135000 करोड़ की राशि किसानों के खाते में सीधे ट्रांसफर हुई है। खाद्यान्न का उपार्जन भारत सरकार करती है और कई वर्षों से उपार्जन का जो पैसा है भारत सरकार सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर कर रही है, लेकिन पंजाब और हरियाणा अपवाद थे. पंजाब हमेशा जब खरीद का विषय आता था तो वो निवेदन करती थी कि हमारी तैयारी नहीं हो पाई है, इसलिए पंजाब और हरियाणा ही बचे थे.

सवाल-इस वक्त लगातार मध्यप्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज है. मुलाकातों का दौर जारी है. बताया यह भी जा रहा है कि सीएम बनने में आप का नाम भी आ रहा है ?

जवाब- मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह स्थिर है और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में अच्छी तरीके से काम कर रही है. सामान्य मेल मिलाप को राजनीतिक दृष्टि से देखना यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है. सब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं और जब एक-दूसरे के यहां जाते हैं तो मेल मिलाप होता है.

Last Updated : Jun 20, 2021, 1:16 PM IST

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