ग्वालियर। डाकू मलखान सिंह की कहानी पर आधारित बहुचर्चित बॉलीवुड फिल्म सोनचिरैया पर विवाद की स्थिति बन गई है. 80 के दशक में डकैत रहे मलखान सिंह और 50 के दशक के डकैत मान सिंह के परिजनों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर फिल्म पर रोक लगाने की मांग की है. उनका कहना है कि फिल्म में डकैतों के चरित्र को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.
दरअसल बुधवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में पूर्व डकैत मलखान सिंह और मान सिंह के परिजन पहुंचे. उन्होंने कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है, जिस पर गुरुवार को सुनवाई है. इस याचिका में कहा गया है कि निर्माता अभिषेक चौबे की आने वाली बॉलीवुड फिल्म जो 1 मार्च को रिलीज हो रही है, उसमें उनके चरित्र को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है.
मलखान सिंह का कहना है कि 1984 में कल्याण मुखर्जी द्वारा उनके ऊपर लिखी गई किताब के आधार पर ये फिल्म बनाई गई है. उनका कार्यकाल 80 के दशक का था जबकि मान सिंह 1955 में एनकाउंटर में मारे गए थे. फिल्म में दोनों को एक साथ दिखाने से उन्होंने अपने चरित्र से छेड़छाड़ का आरोप लगाया है.
वहीं, मान सिंह के पोते और पड़पोते ने भी आरोप लगाया है कि डकैतों को आपस में गाली-गलौज करते दिखाया गया है, जबकि मान सिंह की छवि ग्वालियर-चंबल संभाग में रॉबिन हुड की है. उन्होंने कभी गरीब के साथ अन्याय नहीं किया. पूर्व बागी और उनके परिजनों ने फिल्म का प्रदर्शन रोकने की मांग की है. साथ ही सबसे पहले फिल्म उन्हें दिखाने की मांग की है, ताकि उनके चरित्र को सही तरीके से लोगों के बीच दिखाया जा सके.
मलखान सिंह ने आरोप लगाया कि बॉलीवुड के लोग चंबल संभाग की छवि खराब कर रहे हैं. फिल्म निर्माता अपने पैसे बनाने के चक्कर में मूल पात्रों के चरित्र से छेड़छाड़ करने से भी नहीं चूकते, इसलिए फिल्म पर रोक लगाई जाए.