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Panchayat Election in MP:चम्बल के सबसे खूंखार डकैत रहे मलखान सिंह की पत्नी निर्विरोध चुनी गईं सरपंच, विरोध में नहीं उतरा कोई कैंडिटेट

गुना के आरोन इलाके की सिनगयाई पंचायत में पूर्व बागी मलखान सिंह की पत्नी ललिता राजपूत ने सरपंच पद के लिए नामांकन भरा था, लेकिन गांव वालों ने एकजुट होकर पूर्व डकैत मलखान सिंह की पत्नी को निर्विरोध सरपंच चुन लिया है.

malkhan singh wife became sarpanch
मलखान सिंह की पत्नी बनीं सरपंच

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Published : Jun 8, 2022, 8:42 PM IST

गुना।चंबल के बीहड़ों के सबसे खूंखार डकैत रहे मलखान सिंह की पत्नी निर्विरोध सरपंच चुनी गई हैं. गुना के आरोन इलाके की सिनगयाई पंचायत में पूर्व बागी मलखान सिंह की पत्नी ललिता राजपूत ने सरपंच पद के लिए नामांकन भरा था, लेकिन गांव वालों ने एकजुट होकर पूर्व डकैत मलखान सिंह की पत्नी को निर्विरोध सरपंच चुन लिया है. ललिता राजपूत ने बताया कि पिछले 20 साल से गांव में विकास नहीं हो पाया है सड़क से लेकर पानी तक कोई व्यवस्था नहीं है, अब गांव वालों ने मुझे निर्विरोध सरपंच बनाया है तो यह मेरी जिम्मेदारी है कि मैं अपने गांव को एक आदर्श गांव के रूप में विकसित करूंगी.


सभी पंच और सरपंच महिलाएं:गुना जिले की आरोन इलाके की सिनगयाई ग्राम पंचायत एक ऐसी पंचायत है जिसमें अभी तक सरपंच और सभी पंच महिलाएं हैं. इसी के चलते पूर्व डकैत मलखान सिंह की पत्नी ललिता राजपूत ने भी ग्राम पंचायत का सरपंच बनने की इच्छा जताई. उन्होंने इसके लिए फॉर्म भी भरा था, लेकिन गांव वालों ने एकजुट होकर ललिता राजपूत को सरपंच के पद पर निर्विरोध चुन लिया है. ललिता राजपूत के पति और पूर्व डकैत मलखान सिंह ने कहा कि गांव में शुरू से ही बिजली सड़क और पानी की समस्या है, लेकिन अब ग्रामीणों ने हमारे परिवार पर भरोसा जताया है तो हर कीमत पर गांव में विकास कराया जाएगा इसके साथ ही सबसे बड़ी बात यह है कि गांव में किसी भी कीमत पर कोई भ्रष्टाचार नहीं होने देंगे और इसके साथ ही गांव में किसी तरह का कोई झगड़ा और आपसी रंजिश भी नहीं होने देंगे.

आत्मसमर्पित दस्यू हैं मलखान सिंह:पूर्व डकैत मलखान सिंह चंबल के सबसे खूंखार डाकूओं में शुमार रहे हैं. चंबल के बीहड़ में 80 के दशक में डाकू मलखान सिंह की तूती बोलती थी. एक लाख के इनामी मलखान सिंह पर एक सैकड़ा से अधिक हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण, लूट के मामले दर्ज हैं. 1982 में मलखान सिंह और उनकी गैंग ने आत्मसमर्पण कर दिया. आत्मसमर्पण के बाद मलखान सिंह 6 साल तक जेल में रहे और 1989 में सभी मामलों में बरी करके उन्हें रिहा कर दिया गया. जेल से छूटने के बाद मलखान सिंह राजनीति में सक्रिय हैं और लगातार जनता से जुड़े मुद्दों को उठाते रहते हैं.

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