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Namewar Murder Case पर बोले भीम आर्मी चीफ, ये कोई बकरे नहीं जिन्हें हलाल किया जाए

भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद आज देवास पहुंचे, उन्होंने नेमावर हत्याकांड (Namewar Murder Case) पर कहा कि ये कोई बकरे नहीं हैं, जिन्हें हलाल किया जाए.

Namewar Murder Case
भीम आर्मी चीफ पहुंचे देवास

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Published : Jul 10, 2021, 11:12 PM IST

देवास। नेमावर हत्याकांड (Namewar Murder Case) के बाद पीड़ित के परिजनों से मुलाकात करने शनिवार को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद देवास पहुंचे, उनके साथ हजारों लोगों का काफिला साथ चल रहा था, उन्होंने नेमार हत्याकांड को लेकर देवास में कहा कि ये कोई बकरे नहीं हैं, जिन्हें हलाल किया जाएगा, मारा जाएगा.

भीम आर्मी चीफ पहुंचे देवास

'ये कोई बकरे नहीं जिन्हें हलाल किया जाए'

देवास के नेमावर में हुए जघन्य हत्याकांड के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मोर्चा संभाला है, जहां भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद अपने साथ हजारों लोगों के काफिले के साथ नेमावर पहुचे, देवास मुख्यालय पहुंचकर चंद्रशेखर आजाद ने बयान देते हुए कहा मैं दिल्ली से यह बताने यहां पर आया हूं कि ये कोई बकरे नहीं हैं, जो हलाल किया जायेगा, मारा जाएगा.

'मुख्यमंत्री को कुर्सी से खींच लाएंगे'

भीम आर्मी चीफ ने कहा कि पीड़ित परिवार जब न्याय की मांग कर रहा है, तो उन्हें न्याय क्यों नहीं दिया जा रहा है, सरकार कोई भी हो बात यह है कि आम व्यक्ति को न्याय मिले, अगर मुख्यमंत्री न्याय नहीं देंगे, तो उन्हें कुर्सी से खींचकर लेकर आएंगे, ये जनता है, लोकतंत्र में मुख्यमंत्री को न्याय देना ही पड़ेगा, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के सवाल पर बोले- उन्हें आदिवासियों से क्या लेना देना, उन्हें क्या पता वो आरएसएस के लोग हैं, उन्हें तो ये कीड़े मकोड़े नजर आते हैं.

'जब तक जांच के आदेश नहीं दिए जाते, आंदोलन जारी रहेगा'

अगर ये उन्हें इंसान नजर आते तो तीन बच्चियों के बारे में सोचते, 45 दिन तक पुलिस ने क्या किया. आज कह रहे हम न्याय कर लेंगे, इतने दिन जांच करने के बाद इन्हें यह भी नहीं पता कि 45 दिन तक परिवार कहां था, उन्होंने कहा कि अगर न्याय नहीं मिलेगा, तो मध्यप्रदेश नहीं चलेगा, मुख्यमंत्री चैन से नहीं सो पाएंगे, उन्होंने कहा कि वह हर मुख्यालय और मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे, जब तक वह सीबीआई की जांच का आदेश नहीं दे देते तब तक वो आंदोलन करेंगे.

क्या है पूरा मामला ?

29 जून को देवास के नेमावर के एक खेत से एक ही परिवार के 5 लोगों के कंकाल निकाले गए थे. यह कंकाल खेत के अंदर 10 फीट नीचे गहरे गड्ढे से मिले थे. यह कंकाल 13 मई से लापता चल रहे आदिवासी परिवार के सदस्यों के थे. जब मामले का खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया. बताया गया कि परिवार की युवती के आरोपी सुरेन्द्र के साथ प्रेम संबंध थे. युवती जब आरोपी पर शादी का दबाव बनाने लगी, तो उसे रास्ते से हटाने के लिए आरोपी सुरेन्द्र ने युवती सहित उसके परिवार की हत्या कर दी थी, और शवों को खेत में 10 फीट नीचे गाड़ दिया था.

मामले में अब तक क्या हुआ

दरअसल, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नेमावर हत्याकांड के बाद पीड़ित परिवार के लिए 41 लाख 25 हजार की सहायता राशि का ऐलान किया है, सीएम ने निर्देश दिया है कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) में चलाकर दोषियों को कड़ी सजा दिलवाई जाए. शिवराज सिंह चौहान ने कानून व्यवस्था को लेकर निर्देश दिए कि किसी भी तरह की ढिलाई नहीं होनी चाहिए और चाक-चौबंद व्यवस्था की जानी चाहिए, अपराधी तत्वों के मन में शासन का खौफ होना चाहिए, मध्यप्रदेश में असामाजिक अपराधिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाए.

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आरोपियों के मकान-दुकान पर चला बुल्डोजर

वहीं, नेमावर बस स्टैंड के पास वार्ड नंबर 10 में मुख्य आरोपी सुरेंद्र और उसके भाई वीरेंद्र के मकान और दुकानों पर प्रशासन JCB मशीन लेकर पहुंचा. पुलिस की मौजूदगी में आरोपियों के मकान और दुकानों तोड़ दिया गया. वार्ड नंबर 14 में दूसरे आरोपी विवेक के पैतृक घर को भी प्रशासन ने ढहा दिया. कार्रवाई के दौरान कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला, एसपी शिव दयाल सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस जवान मौजूद थे.

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