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बारिश के बाद फैली तबाही, एक झटके में ग्रामीणों का सब कुछ खत्म - Machagora Damm Full

एक झटके में ग्रामीणों का सब कुछ खत्म हो गया, अचानक से आई बारिश अपने साथ तबाही लेकर आई और सब कुछ अपने साथ लेकर चली गई, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट.

Disaster spread in Chhindwara after rain
बारिश के बाद फैली तबाही

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Published : Aug 31, 2020, 5:58 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 8:00 PM IST

छिन्दवाड़ा। जिले के कई इलाकों में हुई भारी बारिश के बाद तबाही की मंजर है, जहां अचानक आई बारिश अपने साथ सब कुछ बहा कर ले गई और एक झटके में ग्रामीणों का सब कुछ खत्म हो गया. चौरई विधानसभा के बंधीढाना गांव में करीब 100 परिवारों का सबकुछ उजड़ गया. यहां के हालात देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है कि, स्थिति कितनी भयानक रही होगी.

बारिश के बाद फैली तबाही

अपना सब कुछ बाढ़ में गवां चुके ग्रामीणों का कहना है कि, मालूम नहीं सरकारी सहायता उन्हें कब मिले, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी मुसीबत अभी रहने की है. इसलिए प्रशासन उनके लिए रहने की व्यवस्था करें. क्योंकि बारिश के मौसम में छोटे-छोटे बच्चों के साथ ही कई गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग भी इस आपदा से पीड़ित हैं.

उजड़े घर संजोने में जुटे ग्रामीण

मुश्किल से खुद को बचा पाए ग्रामीण
लगातार हुई बारिश की वजह से पेंच नदी का जलस्तर बढ़ गया. माचागोरा में बने बांध में पानी बढ़ने के कारण ऑठों गेट खोलने पड़े, जैसे ही गेट खोले गए निचले इलाके के गांव बंधीढाना में पानी भरने लगा. घरों में सो रहे लोगों को जैसे ही पानी की आहट लगी, लोग अपनी जान बचाकर भागे. लेकिन अपनी जान बचाने के चक्कर में आजीविका का समान ले जाना भूल गए.

बच्चे की भूख मिटाती मां

सैंकड़ों मवेशी और जमापूजी हो गई खत्म
किसानों और ग्रामीणों की जमा पूंजी उनके मवेशी होते हैं. अचानक आई इस आफत में लोग बमुश्किल अपनी जान बचा पाए. मवेशी बाढ़ की चपेट में आ गए और करीब 100 मवेशी मारे गए हैं. इतना ही नहीं परिवार का गुजर बसर करने के लिए रखा अनाज भी पूरी तरह बर्बाद हो गया है.

बारिश के बाद की तबाही

गांव में अभी भी पड़े हैं मवेशियों के शव
जैसे ही पानी कम हुआ, मौके पर पहुंची ईटीवी भारत की टीम ने देखा कि, लोग बाढ़ में बर्बाद हुए अपनी सामानों को समेटने में जुटे हुए थे. बाढ़ की चपेट में आकर मरे मवेशियों के शव भी गांव में बिखरे पड़े है. बारिश रुकने के बाद जैसे ही बाढ़ का पानी खत्म हुआ, लोग बचा खुचा आनाज और जमा पूंजी समेटने में लगे थे.

सब कुछ उजड़ गया

जमा पूंजी तलाशने में जुटे लोग
बारिश रुकने के बाद जैसे ही पानी खत्म हुआ, ग्रामीण अपने-अपने घरों में जमा पूंजी तलाशने में जुटे हुए थे. कोई अनाज निकाल रहा था, तो कोई अपने गहने तलाश रहा था, तो वही कोई इस उम्मीद में था कि, इस अनाज को फिर से सुखाकर खाने लायक बना सकें. कुछ लोग घरों में रखे भगवान की मूर्तियों को ढूंढ कर मानों पूछ रहे हों कि आखिर हमारे साथ ऐसा अन्याय क्यों किया.

ढह गए घर
Last Updated : Aug 31, 2020, 8:00 PM IST

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