भोपाल। मध्यप्रदेश में चली सियासी उठापटक के बीच विधानसभा का सत्र पूरी तरह से संपन्न नहीं हो सका तो वहीं सत्ता बदलने के बाद पेश होने वाला बजट भी पटल पर नहीं आ सका, जिसकी वजह से नई सरकार के सामने भी कई मुश्किलें खड़ी हो गई थी. कोरोना वायरस के चलते विधानसभा का सत्रावसान होने के कारण एक अप्रैल से जरूरी खर्च के लिए शिवराज सरकार को अध्यादेश लाना जरूरी हो गया था, क्योंकि अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार भी नहीं हो पाया है. ऐसी स्थिति में कैबिनेट भी नहीं बुलाई जा सकती है. यही वजह रही कि शिवराज सरकार ने अगले चार माह के लिए लेखानुदान अध्यादेश 2020 तैयार कर अनुमोदन के लिए राज्यपाल के पास भेजा था, जिसे राज्यपाल के द्वारा अपनी ओर से अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है.
बता दें कि सभी विभागों को एक अप्रैल के पहले बजट आवंटन किया जाना है. ताकि वह एक अप्रैल से राशि खर्च कर सकें इसके लिए 27 मार्च को विधानसभा में लेखानुदान लाने की तैयारी थी, लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया गया है, इसे देखते हुए शिवराज सरकार ने सत्रावसान करके अध्यादेश के जरिए लेखानुदान लाने का फैसला किया था.
इन दिनों गंभीर समस्या इस समय देश और प्रदेश पर छाई हुई है उसे देखते हुए इस लेखानुदान की राशि भी करोड़ों में रखी गई थी . इसमें कर्मचारियों के वेतन भत्ते के साथ पेंशनर्स की पेंशन करवाओ ब्याज अदायगी के साथ बड़े हुए महंगाई भत्ते का इंतजाम करना भी सरकार की प्राथमिकता में शामिल है.