भोपाल।राजधानी भोपाल की में साइबर क्राइम पुलिस ने दो ठग को गिरफ्तार किया है. यह ठग संस्था का मालिक को उनके बैंक का मैनेजबर बन कर कर फोन लगाते थे और लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर देते थे. अभी कक गिरोह ने करीबन 25 लाख की ठगी करना कुबूला है. पुलिस को उम्मीद है इनसे पूछतांछ में कई और खुलासे हो सकते हैं.
संस्थानों को ठगने वाले दो साइबर ठग गिरफ्तार कस्टमर बनकर संस्था को लगाते थे फोन
मुख्य मास्टरमाइंड वीरेंद्र साहू पहले कस्टमर बनता था और संस्था को फोन लगाता था. जिस भी संस्था को फोन लगाता था उस संस्था से अधिक मात्रा में सामान खरीदने का कहता था और पेमेंट चेक के माध्यम से ऑनलाइन करने की बात कहता था या बैंक अकाउंट नंबर मांगता था. जब संस्था का एंप्लॉय उसके भरोसे में आ जाता था तो वह कैंसिल चेक की भोटो मांग लेता था, जिससे वह संस्था और संस्था के बैंक अकाउंट के बारे में सारी जानकारी निकाल लेता था.
ट्रूकॉलर में नाम बदलकर बैक को करता था फोन
मास्टरमाइंड आरोपी विरेंद्र साहू ट्रूकॉलर पहले अपने ट्रूकॉलर अकाउंट को संस्था के मालिक के नाम में बदल लेता था. फिर बैंक मैनेजर को फोन लगा कर उसे जरूरी मिटिंग में होने की बात कहकर एमरजेंसी में कैस की मांग करता था और एक आदमी को भेजने की बात करता था. आरोपी कंपनी से मिले चेक के अनुसार नकली चेक बनाकर बैक जाता था और वहां से पैसे ले लेता था.अभी तक अलग-अलग बैंक से लगभग 25लाख रुपए की ठगी को अंजाम दे चुका है.
गिरोह के सदस्य अन्य राज्यों से
एक आरोपी को पुलिस ने उत्तराखंड से गिरफ्तार किया है जो उत्तर प्रदेश का रहने वाला है. मुख्य आरोपी का वीरेंद्र साहू, दूसरे आरोपी का नाम सुशोभन को पुलिस ने कोलकाता पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है. इनके पास फोर व्हीलर गाड़ी और अइय्यासी के कई सामग्रियां मिली हैं. मुख्य सरगना वीरेंद्र साहू पूर्व में बैंक में काम कर चुका है जिसके चलते वह बैंक के सभी काम को जानता है और लोगों को ठगी लगाता है
विवेचना के बाद और भी मामले आ सकते हैं सामने
एसपी साइबर क्राइम वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि मामले में अभी प्राथमिकी दर्ज की गई है. इन्हे रिमांड में लेकर पूछताछ की की जा रही है. उन्होंने कहा कहा इस तरह की ठगी की घटनाओं को इन्होंने पूरी देश में अंजाम दिया है, आरोपियों के उत्तर प्रदेश में भी ठगी के कुछ मामले दर्ज हैं. जांच में कई और मामलों के खुलासे हो सकते हैं.