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शिवराज फिर MP के सरताज, ऐसा है अब तक राजनीतिक सफर

शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, आज राजभवन में 9 बजे सादे समारोह में सीएम पद की शपथ लेंगे. जिसकी तैयारिया राजभवन में शुरु हो चुकी हैं. बताया जा रहा है कि, शिवराज के नाम पर मुहर बीजेपी के दिल्ली दरबार में ही लगी है.

shivraj singh chauhan
शिवराज फिर सरताज

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Published : Mar 23, 2020, 7:50 PM IST

Updated : Mar 23, 2020, 11:53 PM IST

भोपाल। शिवराज सिंह चौहान, वो शख्सियत जो एक बार फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान संभालने जा रहे हैं. करीब डेढ़ दशक तक सूबे के सबसे शक्तिशाली पद पर बैठने वाले शिवराज फिर सूबे की कमान संभालेंगे. एक किसान के बेटे का सत्ता के शिखर तक पहुंचने का सफर काफी दिलचस्प है.

शिवराज फिर सरताज

5 मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में एक किसान प्रेम सिंह चौहान के घर जन्में शिवराज सिंह चौहान में नेतृत्व के गुण बचपन में ही दिखने लगा था. जब वे अपने खेतों में मजदूरी करने वाले मजदूरों के लिए अपने पिता प्रेम सिंह से ही भिड़ गए. शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक करियर की शुरूआत संघ के मामूली कार्यकर्ता के तौर पर हुई थी, इमरजेंसी के दौर में जेल जाने से उनकी नेतृत्व क्षमता मजबूत हुई.

शिवराज फिर सरताज

1975 में छात्र राजनीति से शुरूआत करने वाले शिवराज सिंह को 1990 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर सीहोर की बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला. महज एक साल बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी लोकसभा सीट विदिशा से शिवराज सिंह को उत्तराधिकारी बनाया. शिवराज सिंह चौहान के अब तक के राजनीतिक करियर की बात की जाए तो.

शिवराज फिर सरताज

शिवराज का अब तक राजनीतिक सफर

  • 1990 में पहली बार विधायक बने
  • 1991 में पहली बार लोकसभा सांसद बने
  • शिवराज सिंह 2003 में बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने
  • विदिशा लोकसभा सीट से लगातार पांच बार सांसद चुने गए
  • 29 नवंबर 2005 को पहली बार मध्य प्रदेश के सीएम पद की शपथ ली
  • 13 साल तक एमपी मुख्यमंत्री रहे
  • चौथी बार मध्य प्रदेश के सीएम पद की कमान संभालने जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री पद की कुर्सी छोड़ते वक्त उन्होंने कहा था कि, 'टाइगर जिंदा हैं, लौट कर जरुर आउंगा'.. अपनी कही हुई बात को सच साबित करते हुए शिवराज सिंह चौहान अब वापसी कर रहे हैं. इसे शिवराज सिंह चौहान की राजनीतिक कुशलता ही मानी जाएगी कि, जब वे सीएम पद से हटे. तो केंद्र में जा सकते थे. लेकिन सियासत के माहिर खिलाड़ी शिवराज प्रदेश की सियासी नब्ज को टटोलने में सफल रहे. वे शायद इस बात को समझ चुके थे. कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार कभी भी गिर सकती है. इसीलिए उन्होंने केंद्र में न जाकर कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदेश में आंदोलन का झंड़ा बुलंद करके रखा. जिसका नतीजा आज सबके सामने है.

पिछले डेढ़ साल में शिवराज सिंह चौहान के राजनीतिक करियर में तमाम उतार-चढ़ाव आए. लेकिन शिवराज ने राजनीति दंगल में खुद को बनाए रखा. यही वजह है कि, एक बार फिर शिवराज मध्य प्रदेश के सरताज बनने जा रहे हैं.

Last Updated : Mar 23, 2020, 11:53 PM IST

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