भोपाल/ इंदौर/ ग्वालियर.पेट्रोल और डीजल की महंगाई तो छोड़िए जनाब अब प्याज, टमाटर सहित हरी सब्जियों की बढ़े हुए दाम भी आपके खाने के निवाले को बेस्वाद कर सकते हैं. त्योहारों का सीजन आते ही एक बार फिर प्याज और टमाटर के दाम आसमान छूने लगे हैं. प्याज एक बार फिर आम आदमी को रुलाने की तैयारी में नजर आ रहा है. मंडियों में बाहर से प्याज की आवक कम होने और लोकल मार्केट से सप्लाई पूरी न होने के चक्कर में प्याज, टमाटर और दूसरी सब्जियों के दाम बढ़ चुके हैं. खुले मार्केट में प्याज के दाम के 45 से 50 रुपए तक पहुंच चुके हैं वहीं बीते चार पांच दिनों में टमाटर के दाम भी 50 रुपए प्रतिकिलो तक बढ़ चुके हैं.
पेट्रोल-डीजल के बाद अब सब्जियों के दामों में लगी आग
प्रदेश के कई शहरों में पिछले कुछ दिनों से सब्जियों के दाम में भी आग लगी हुई है. प्याज और टमाटर के भाव अब पहुंच से बाहर जाने को तैयार हैं. यूं तो सब्जी को ज्यादा स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें प्याज का तड़का लगाना जरूरी होता है, लेकिन प्याज की बढ़ती कीमतें आपके जायके को खराब कर सकती हैं. प्याज के साथ टमाटर के रेट भी दोगुने से ज्यादा हो चुके हैं. इतना ही नहीं हरी सब्जियों के दाम में भी काफी इजाफा देखने को मिल रहा है जिसने आम लोगों का बजट ही नहीं उनकी थाली का जायका भी बिगाड़ दिया है.
ये हैं खुले बाजार में सब्जियों के दाम
प्रदेश की खेरीज मार्केट में सब्जियों के दाम के बात करें तो जल्द ही कई सब्जियां आपकी पहुंच से बाहर हो सकती है. व्यापारियों की मानें तो चार-पांच दिन पहले टमाटर का रेट जहां ₹25 प्रति किलो था लेकिन अचानक से ही अब यह ₹50 प्रति किलो हो गया है. इसी तरह भोपाल में प्याज के रेट -थोक में प्याज 25 से ₹30 किलो -फुटकर में ₹40 किलो हो चुके हैं. इसके अलावा
प्रदेश की मंडियों में यह हैं प्याज के दाम
जिला | सब्जी का नाम | कीमत खेरीज | कीमत थोक |
भोपाल | प्याज | 30 रु/ किलो | 25 रु/ किलो |
रतलाम/जावरा | प्याज | 35 रु/ किलो | 30 रु/ किलो |
जबलपुर | प्याज | 40 रु/ किलो | 35 रु/ किलो |
छिंदवाडा | प्याज | 35 रु/ किलो | 30 रु/ किलो |
सागर | प्याज | 40 रु/ किलो | 35 रु/ किलो |
शहडोल | प्याज | 35 रु/ किलो | 30 रु/ किलो |
टमाटर सहित अन्य सब्जियों की कीमत भी बढ़ी
जिला | सब्जी | सब्जी | सब्जी | सब्जी | सब्जी | सब्जी | सब्जी | सब्जी | सब्जी |
भोपाल | आलू 10 से 12 | भिंडी 8 से 10 | मिर्ची15रू | टमाटर ₹30 | फूलगोभी 20 से 25 | शिमला मिर्च ₹80 | बैंगन 20 से 25 | करेला 30 से 35 | कद्दू ₹10 |
जबलपुर | आलू18 से 20 | टमाटर 40-े 50 | धनिया 80-100 | अदरक 30 से 35 | बरबटी 20 | भिंडी 20 | लौकी 15 | मिर्ची 25 | बैंगन 30 से 32 |
छिंदवाडा | आलू 20 रुपए किलो | टमाटर 30 रुपए किलो | हरा धनिया 80 रुपए किलो | प्याज 30 रुपए किलो | |||||
भिंड | आलू- 20 | प्याज़- 50 | टमाटर- 70 | बैंगन- 40 | गोभी- 50 | हरा धनिया- 200 | हरी मिर्च- 40 | लौकी-20 | भिंडी- 40 |
सागर | टमाटर- 80 से 100 | करेला- 40 से 50 | भिंडी- 30 से 45 | लौकी - 30 से 40 | शिमला मिर्च 50 से 60 | परवल- 70 से 80 | आलू - 20 से 25 | प्याज़- 30 से 40 | भिंडी - ₹40 प्रति किलो |
इसलिए बढ़ रहे दाम
सवाल यह है कि त्योहारों के सीजन में सब्जियों के दाम अचानक इतनी तेजी में बढ़ रहे हैं. यह जानने के लिए ईटीवी भारत ने कुछ बड़े सब्जी व्यापारियों से बात की. सब्जी कारोबारी अमित गुप्ता ने बताया कि टमाटर के दाम इसलिए बढ़ गए हैं क्योंकि बाहर से नए माल की आवक नहीं हो रही है. लोकल माल से फिलहाल काम चलाया जा रहा है. अमित बताते हैं कि इसे इस तरह समझिए डिमांड 500 क्रेट की है और लोकल माल 200 क्रेट ही मिल पा रहा है. ऐसे में रेट बढ़ना तय है.
प्याज के रेट में भी इसी वजह से आग लगी हुई है. अमित बताते हैं कि नए प्याज की आवक कम है, और पुराने प्याज का स्टॉक भी धीरे धीरे कम हो रहा है इसलिए प्याज के दाम कुछ ज्यादा बढ़ गए हैं. प्याज के दाम नए प्याज का स्टॉक आने के बाद ही कम हो सकेंगे. दूसरी हरी सब्जियों के दाम बढ़ने की बात करें तो लोकल से जो सब्जियां मिल रही हैं. उसी पर पूरा बाजार डिपेंडेंट है. अमित बताते हैं कि दाम बढ़ने का सीधा फंडा यह है कि डिमांड के बराबर सप्लाई नहीं होती तो दाम बढ़ेंगे ही.
महंगा भाड़ा और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ा